अशोक पानी में तैरते हुए बांसुरी बजाता है, मधुर धुन को सुनने के लिए लोग खिंचे चले आते हैं, आप भी आनंद लें
अशोक पानी में तैरते हुए बांसुरी बजाता है, मधुर धुन को सुनने के लिए लोग खिंचे चले आते हैं, आप भी आनंद लें
कोरोना काल में जब लोग बेरोज़गारी के कगार पर पहुँच गए और हिम्मत हार कर निराश हो गए तो वैशाली के दाउदनगर के अशोक कुमार सिंह (Ashok Kumar Singh) ने अपना सारा समय अपनी कला को निखारने में लगा दिया। कड़ी मशक्कत के बाद आज वह पानी में तैरकर एक से बढ़कर एक धुन बजाता है (तैराकी के साथ बांसुरी बजाता है)।
अपनी बांसुरी की मधुर ध्वनि(Plays Flute With Swimming) के कारण उन्हें सोनपुर मेले में अपनी कला को प्रदर्शित करने का अवसर मिला। इतना ही नहीं, उनकी बांसुरी ने उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान भी दिलाए। आज 59 वर्षीय अशोक को बाबा कहा जाता है।
तैरते समय बांसुरी बजाएं:
गंगा और नारायणी के संगम हाजीपुर के कोन्हारा घाट पर नदी के पानी में तैरती बांसुरी बजाते अशोक कुमार सिंह जिसकी धुन ने लोगों को आकर्षित किया और फिर त्रिमूर्ति चौक पर प्रस्तुत बजरंगबली मंदिर में हनुमान चालीसा बन गए। शहर में। बांसुरी से धुन निकालने को कहा गया। जहां उनकी बांसुरी वादन को बड़ी संख्या में लोग सुनने लगे। इसके साथ ही उनके प्रशंसकों ने नदी में नहाते हुए बांसुरी का लुत्फ उठाया.
मथुरा में भी गूंजी अशोक की बांसुरी की धुन:
अशोक की काबिलियत और मेहनत का ही नतीजा है कि अब उन्हें कई शोज में लगातार अपनी कला दिखाने का मौका मिलता है। अशोक कुमार इन दिनों मथुरा में अपनी भक्तिमय बांसुरी बजाते हुए प्रस्तुत करते हैं। नतीजतन, वे बहुत अच्छी आय अर्जित करते हैं।