एकनाथ शिंदे बनेंगे महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री, आज 7:30 बजे शपथ ग्रहण
एकनाथ शिंदे बनेंगे महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री, आज 7:30 बजे शपथ ग्रहण
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे होंगे। राज्यपाल से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि भाजपा शिंदे को समर्थन देगी। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री होंगे।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा-
शिवसेना सत्ता के लिए पैदा नहीं हुई, सत्ता शिवसेना के लिए पैदा हुई है। ये बाला साहेब का मंत्र रहा है। हम वापस काम करेंगे और फिर अपने दम पर सत्ता में आएंगे। हमें अपनों ने धोखा दिया। अपने लोगों ने खंजर घोंपा। उद्धव ठाकरे को दगाबाज कैसे दोष दे सकते हैं। बागी विधायकों को सरकार गिराने का ठेका मिला था। दगाबाजों का महाराष्ट्र में ये नया प्रयोग है।
बुधवार देर रात उद्धव खुद कार ड्राइव कर इस्तीफा देने पहुंचे थे
उद्धव ठाकरे बुधवार रात करीब सवा 11 बजे इस्तीफा देने खुद ही ड्राइव कर राजभवन के लिए निकले थे। उनके साथ कार में दोनों बेटे आदित्य और तेजस ठाकरे भी थे। उद्धव जब राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने पहुंचे तो राज्यपाल ने उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था बनने तक अपने पद पर बने रहने को कहा। राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य के साथ एक मंदिर में पूजा की। इसके बाद वे अपने आवास मातोश्री पहुंचे थे।
आइये जानते हैं एकनाथ शिंदे बारे में …
एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को हुआ था। सतारा उनका गृह जिला है। पढ़ाई के लिए शिंदे ठाणे आए। 11वीं तक की पढ़ाई यहीं की। इसके बाद वागले एस्टेट इलाके में रहकर ऑटो रिक्शा चलाने लगे। इसी दौरान उनकी मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई। महज 18 साल की उम्र में उनका राजनीतिक जीवन शुरू हुआ और शिंदे एक आम शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करने लगे।
करीब डेढ़ दशक तक शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करने के बाद 1997 में शिंदे ने चुनावी राजनीति में कदम रखा। 1997 के ठाणे नगर निगम चुनाव में आनंद दिघे ने शिंदे को पार्षद का टिकट दिया। शिंदे अपने पहले ही चुनाव में जीतने में सफल रहे। 2001 में नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता बने। इसके बाद दोबारा साल 2002 में दूसरी बार निगम पार्षद बने।
आनंद दिघे के निधन के बाद बढ़ता गया कद
शिंदे का कद साल 2001 के बाद बढ़ना शुरू हुआ। जब उनके राजनीतिक गुरु आनंद दिघे का निधन हो गया। इसके बाद ठाणे की राजनीति में शिंदे की पकड़ मजबूत होने लगी। 2005 में नारायण राणे के पार्टी छोड़ने के बाद शिंदे का कद शिवसेना में बढ़ता ही चला गया। जब राज ठाकरे ने पार्टी छोड़ी तो शिंदे ठाकरे परिवार के करीब आ गए।
2004 में पहली बार विधायक बने
2004 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने शिंदे को ठाणे विधानसभा सीट से टिकट दिया। यहां भी शिंदे को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के मनोज शिंदे को 37 हजार से अधिक वोट से मात दी। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में शिंदे ठाणे जिले की कोपरी पछपाखडी सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे। देवेंद्र फडणवीस सराकर में शिंदे राज्य के लोक निर्माण मंत्री रहे।
लगे थे भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर
2019 के विधानसभा चुनाव के बाद शिंदे मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे थे। चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में खुद आदित्य ठाकरे ने शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा और वह शिवसेना विधायक दल के नेता चुने गए। इसके बाद तो उनके समर्थकों ने तो ठाणे में भावी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पोस्टर तक लगा दिए थे।
हालांकि, कांग्रेस और एनसीपी के दबाव में उद्धव ठाकरे का नाम आगे आया। इसके बाद शिंदे बैकफुट पर आ गए। उद्धव सरकार में शिंदे राज्य के शहरी विकास मंत्री होने के साथ ठाणे जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। कहा जाता है कि शिंदे कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन से खुश नहीं थे। इसके बाद उनके और उद्धव ठाकरे के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। फरवरी 2022 में एकनाथ शिंदे के जन्मदिन पर भी उनके समर्थकों ने भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर लगाए थे।
हादसे में दो बच्चों को खोया था
बात उस वक्त की है जब शिंदे पार्षद हुआ करते थे। इस दौरान उनका परिवार सतारा गया हुआ था। यहां एक हादसे में उन्होंने अपने 11 साल के बेटे दीपेश और 7 साल की बेटी शुभदा को खो दिया था। बोटिंग करते हुए एक्सीडेंट हुआ और शिंदे के दोनों बच्चे उनकी आंखो के सामने डूब गए थे।
उस वक्त शिंदे के दूसरे बेटे श्रीकांत सिर्फ 13 साल के थे। श्रीकांत इस वक्त कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना सांसद हैं। इस घटना के बाद शिंदे काफी टूट गए थे। उन्होंने राजनीति तक से किनारा कर लिया था। इस दौर में भी आनंद दिघे ने उन्हें संबल दिया और सार्वजनिक जीवन में फिर से लेकर आए।
11 करोड़ की संपत्ति, 18 केस भी चल रहे
2019 के विधानसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे ने जो हलफनामा दिया था उसके अनुसार उनके ऊपर कुल 18 आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें आग या विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाने, गैरकानून तरीके से इकट्ठा हुई भीड़ का हिस्सा होना, सरकारी कर्मचारी के आदेशों की अवहेलना करने जैसे आरोप हैं। इस हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल 11 करोड़ 56 लाख से ज्यादा की संपत्ति है। इसमें 2.10 करोड़ से ज्यादा की चल और 9.45 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति घोषित की गई थी।
छह कारें और एक टैम्पो भी है शिंदे के पास
चुनावी हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल छह कारें हैं। इनमें से तीन शिंदे के नाम और तीन उनकी पत्नी के नाम पर हैं। शिंदे की पत्नी के नाम पर एक टैम्पो भी है। शिंदे की छह कार के जखीरे में दो इनोवा, दो स्कॉर्पियो, एक बोलेरो और एक महिंद्र अर्मडा है। शिंदे के पास एक पिस्टल और एक रिवॉल्वर भी है।
कॉन्ट्रैक्टर हैं शिंदे और उनकी पत्नी
चुनावी हलफनामे में शिंदे ने खुद को कॉन्ट्रैक्टर और बिजनेसमैन बताया है। उनकी पत्नी भी कंस्ट्रक्शन का काम करती हैं। शिंदे ने विधायक के तौर पर मिलने वाली सैलरी, घरों से आने वाले किराये और इंटरेस्ट से होने वाली कमाई को अपनी आय का स्त्रोत बताया है।