एक शिक्षक को प्रश्न पूछने में क्यों निपुण होना चाहिए ?
एक शिक्षक को प्रश्न पूछने में क्यों निपुण होना चाहिए ?
उत्तर— प्रश्न पूछने की कला– समस्त शैक्षिक क्रिया प्रश्नोत्तर पर आधारित रहती है। शिक्षक की कुशलता उसके प्रश्न पूछने पर निर्भर होती है। अच्छा शिक्षक अच्छा प्रश्नकर्त्ता होता है। वह निम्नलिखित बातों को सदैव ध्यान रखता है—
(i) प्रश्नों का स्वरूप (ii) प्रश्नों के प्रकार (iii) प्रश्न पूछने का ढंग (iv) उत्तरों के प्रति अपनी-अपनी अभिवृत्ति (v) प्रश्न पूछने के लिए छात्रों को उत्तेजित करना ।
अच्छे अध्यापक के प्रश्न मानसिक प्रक्रियाओं को जाग्रत करते हैं। वे संक्षिप्त और सीधे होते हैं। वे एक ही बात का उत्तर एक बार में चाहते हैं, उनमें पुस्तकीय भाषा का प्रयोग नहीं किया जाता, वे अपने उद्देश्य की पूर्ति करते हैं। अच्छे शिक्षक के प्रश्न प्रतिध्वन्यात्मक, आलंकारिक, चक्कर में डालने वाले एवं पुष्टिकारक नहीं होते। वे सम्पूर्ण कक्षा से बातचीत के स्वर में पूछे जाते हैं। प्रश्न पूदते समय वाणी में उतार-चढ़ाव होता है।
प्रश्न पूछने में शिक्षक को निपुण होना चाहिए। उसे छात्रों के उत्तरों को धैर्य, सहानुभूति, दृढ़ता एवं शिष्टता के साथ स्वीकार करना चाहिए। अच्छे उत्तरों की प्रशंसा करें, अशुद्ध उत्तर देने वालों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार किया जाए एवं क्रोध न दिखाया जाए। छात्रों की सहायता से ही अशुद्धियों को शुद्ध करने की चेष्टा की जाये । उत्तर देने में छात्रों की सहायता कम से कम की जाये। शरारतपूर्ण उत्तरों को सदैव हतोत्साहित किया जाए ।
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