नीतीश-तेजस्वी को लेकर राजद-जदयू नेताओं के बीच दोस्ताना लड़ाई

नीतीश-तेजस्वी को लेकर राजद-जदयू नेताओं के बीच दोस्ताना लड़ाई

नीतीश-तेजस्वी को लेकर राजद-जदयू नेताओं के बीच दोस्ताना लड़ाई

हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बतौर मुख्यमंत्री एक कार्यक्रम में संबोधित किया था. उसकी जुबान जरूर फिसल गई। इसके बाद बीते दिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की बातों से लगता है कि वह 2023 में तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाकर केंद्र की राजनीति करेंगे. राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने भी शुक्रवार को यही कहा।

राजद के ऐसे बयानों पर अब जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) ने राजनीति में दोस्ताना लड़ाई की प्रतिक्रिया दी है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने तंज कसते हुए कहा है कि किसी अनहोनी के डर से जगदानंद द्वारा अपने बच्चे की शादी तय करने की पिता की कोशिश।

जानिए क्या कहा जगदानंद और भाई वीरेंद्र ने :

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार की घोषणा के अनुसार ऐसा लगता है कि 2022 के अंत के बाद वह 2023 में बिहार की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव को सौंपकर केंद्र की राजनीति करेंगे.जगदानंद ने स्पष्ट किया कि जिम्मेदारी सौंपने का मतलब मुख्यमंत्री बनाना है। अगले दिन शुक्रवार को राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने तेजस्वी को ‘बिहार का भविष्य’ बताया. कहा कि तेजस्वी बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे और नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति करेंगे. भाई वीरेंद्र ने कहा कि सब कुछ तय है, सिर्फ समय तय नहीं है।

अब जदयू की ओर से भी आई प्रतिक्रियाएं :

जगदानंद सिंह और भाई वीरेंद्र के बयानों से बिहार में सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. अगर इन बयानों के समय को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं तो इसके मायने भी निकाले जा रहे हैं.बड़ा सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार अगले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही 2023 में तेजस्वी को सच में मुख्यमंत्री बना देंगे। इन सवालों और अटकलों पर जदयू की ओर से भी प्रतिक्रियाएं आई हैं.

‘जगदानंद का चौंकाने वाला बयान’ :

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उन्हें जगदानंद सिंह का बयान चौंकाने वाला लगा। आखिर इस वक्त इस तरह के बयान की क्या जरूरत थी? कुशवाहा ने कहा कि जगदानंद सिंह का बयान एक पिता की हरकत की तरह है जो किसी अप्रिय घटना के डर से अपने बेटे या बेटी की शादी तय करने की कोशिश करता है.जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि वे इस तरह के बयानों को महत्व नहीं देते. बिहार की नीतीश सरकार में जदयू कोटे के मंत्री अशोक चौधरी ने इसे निजी विचार बताते हुए कहा कि इस तरह के बेतुके बयान पर प्रतिक्रिया देना जरूरी नहीं है.

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