बिहार को जल्द मिलेगा पहला 6 लेन पुल, पटना से बेगूसराय की घटेगी दूरी, 100 की स्पीड से दौड़ेंगी गाड़ियां

बिहार को जल्द मिलेगा पहला 6 लेन पुल, पटना से बेगूसराय की घटेगी दूरी, 100 की स्पीड से दौड़ेंगी गाड़ियां

गंगा नदी पर बन रहा औंटा-सिमरिया छह लेन गंगा पुल सह सड़क का काम अंतिम चरण में है। जल्द ही इस पर आम लोग सफर कर सकेंगे। इस पुल पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाई जा सकेगी। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के खंड (197.900 किमी से 206.050 किमी) पर बन रहा औंटा-सिमरिया छह लेन गंगा पुल परियोजना की कुल लंबाई 8.15 किमी है। इनमें 1.865 किमी लंबा छह लेन पुल है। औंटा-सिमरिया छह लेन गंगा पुल परियोजना का 95 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। अब तक 6.51 किमी सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है। शेष कार्य तेजी से किए जा रहे हैं और 31 मई तक इसे जनता के लिए खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

परियोजना की कुल लागत 1710.73 करोड़ है। इस परियोजना के तहत एक रेल ओवरब्रिज, दो रेल अंडर ब्रिज, एक वाहन अंडरपास, दो हल्के वाहनों के लिए अंडरपास और 11 पुलियों का निर्माण भी किया जा रहा है। अभी एक रेल ओवरब्रिज, दो रेल अंडर ब्रिज और एक कल्वर्ट का कुछ हिस्सा पूरा होना बाकी है। इस परियोजना के लिए 60 मीटर तक का जमीन का अधिग्रहण किया गया है। मंत्री ने कहा कि इस पुल के चालू होने से पटना और बेगूसराय के बीच यात्रा का समय कम हो जाएगा, जिससे राजेंद्र सेतु और गांधी सेतु पर यातायात का दबाव भी घटेगा।

यह पुल बेगूसराय औद्योगिक क्षेत्र के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि बरौनी रिफाइनरी, खाद कारखाने और थर्मल पावर स्टेशन जैसे प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए यह एक तेज और सुगम मार्ग प्रदान करेगा। इससे भारी मालवाहक वाहनों की आवाजाही आसान होगी, जिससे लॉजस्टिक्सि लागत में कमी आएगी और उद्योगों की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। औंटा-सिमरिया पुल का निर्माण गंगा नदी पर मौजूदा सिमरिया पुल के समानांतर किया जा रहा है।

यह पुल विशेष रूप से औंटा (पटना) और सिमरिया (बेगूसराय) को जोड़ता है, जिससे बेगूसराय, समस्तीपुर, खगड़िया और कटिहार से पटना आने-जाने वालों को एक वैकल्पिक मार्ग मिलेगा। यह पुल एशिया का सबसे चौड़ा छह लेन केबल ब्रिज होगा, जिसकी चौड़ाई 34 मीटर होगी। पुल में सिंगल वेल फाउंडेशन और डोज्ड स्टे केबल तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे इसकी मजबूती और स्थायित्व बढ़ता है। यह तकनीक पुल को बाढ़ और भारी यातायात के दबाव से सुरक्षित रखेगी।

Source – Hindustan

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