बिहार / दरभंगा राजकीय नलकूपों की मरम्मति, अनुश्रवण तथा सफल संचालन हेतु ग्राम पंचायतों के पंचायत सचिव एवं मुखिया गणों के साथ आयोजित किया गया जागरूकता कार्यक्रम

बिहार / दरभंगा राजकीय नलकूपों की मरम्मति, अनुश्रवण तथा सफल संचालन हेतु ग्राम पंचायतों के पंचायत सचिव एवं मुखिया गणों के साथ आयोजित किया गया जागरूकता कार्यक्रम

राजकीय नलकूपों की मरम्मति, अनुश्रवण तथा सफल संचालन हेतु जिला के ग्राम पंचायतों के पंचायत सचिव तथा मुखिया गणों के साथ दरभंगा, समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर सभागार में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यक्रम का आयोजन जिलाधिकारी राजीव रौशन की निर्देशानुसार कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई सुनील कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी आलोक राज, लघू सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता नम्रता कुमारी, राजेश कुमार दिवाकर द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सहायक अभियंता ने कहा कि राजकीय नलकूपों का उद्देश्य किसानों को सिंचाई की सुविधा प्रदान कर कृषि उत्पादन में वृद्धि करते हुए किसानों की आय को बढ़ाना है।
उन्होंने कहा कि वर्त्तमान में दरभंगा जिला अन्तर्गत  113 राजकीय नलकूप कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल हाइड्रोलिक प्रोजेक्ट अन्तर्गत सभी कार्यरत नलकूपों पर मोबाईल फोन कन्ट्रोलर एप इंस्टॉल कराया गया है, जिससे किसान घर बैठे मोबाईल पर ही पम्प को चालू अथवा बन्द कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मोबाईल फोन कन्ट्रोलर में सीम लगा हुआ है, जिसमें 05 फोन नम्बर रजिस्टर किया जा सकता है। और कहा कि मोबाईल फोन कन्ट्रोलर लगने से मोटर को ड्राई रन, हाई वोल्टेज इत्यादि के परिस्थिति में जलने से बचाया जा सकता है। साथ ही इससे कितने देर मोटर चला है अथवा पटवन हुआ है, से संबंधित डाटा विभाग को स्वतः चला जाता है।
उन्होंने कहा कि विभागीय निर्देशानुसार सभी राजकीय नलकूपों का संचालन एवं रख-रखाव केवल पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा तथा सभी कार्यरत नलकूपों को पंचायत को हस्तांतरित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व में नलकूप जिन निजी संस्थाओं/व्यक्तियों को दिया गया है, उनसे वापस लेकर उक्त नलकूपों को भी पंचायतों को हस्तांतरित किया जाएगा। पंचायतों को केवल नलकूपों की मरम्मति एवं रख-रखाव करना है, सभी प्रकार की मरम्मति का खर्च विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। किसी नलकूपों की मरम्मति में यदि 15 लाख रूपये से अधिक व्यय होता है, तो उसका कार्यान्वयन निविदा के माध्यम से विभाग द्वारा किया जाएगा। तत्पश्चात् इसे संचलान हेतु पंचायतों को हस्तांतरण करा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया का अनुश्रवण जिला स्तर पर समन्वय समिति द्वारा किया जायेगा। समन्वय समिति के अध्यक्ष – उप विकास आयुक्त होंगे तथा लघू जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता – सदस्य सचिव एवं जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिले के विभागीय सभी सहायक अभियंता/कनीय अभियंता एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी – सदस्य होंगे।
उन्होंने कहा कि उक्त समिति का मुख्य दायित्व यह है कि वे सभी पंचायतों को दी गयी राशि की सही उपयोगिता की जाँच करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि जिले के सभी पंचायतों के कार्यरत नलकूप सफलतापूर्वक चल रहे हैं।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *