भारत को क्या कम रूसी हथियार मिल रहे हैं अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के चलते
भारत को क्या कम रूसी हथियार मिल रहे हैं अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के चलते
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे.
अमेरिकी थिंक टैंक स्टिमसन सेंटर द्वारा साल 2020 में पेश किए गए आकलन के मुताबिक़, भारत के डिफेंस इक्विपमेंट में से रूस में बने हथियारों की हिस्सेदारी 86 फीसद है.
भारत ने पिछले एक दशक में सैन्य साज़ो-सामान की ख़रीद में विविधता लाने की कोशिश की है. लेकिन इसके बावजूद रूसी वेपन सिस्टम भारतीय सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर की रीढ़ बने हुए हैं.
इसके बाद संभावनाएं जताई गई थीं कि इससे भारतीय सेना को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि यह एक हद तक रूसी सैन्य साज़ो-सामान पर निर्भर है.
लेकिन दोनों देशों और कुछ भारतीय विशेषज्ञों का इस मुद्दे पर रुख़ सकारात्मक रहा था. इसके साथ ही संकेत मिले थे कि इन प्रतिबंधों का सैन्य आदान-प्रदान पर असर नहीं पड़ेगा.