लोहे पर जंग क्यों लगता है ?
लोहे पर जंग क्यों लगता है ?
लोहे की चीजों को किसी नमी वाले स्थान पर कुछ दिन रख दिया जाए तो इन चीजों पर कत्थई रंग की एक परत सी जम जाती है, इसी को जंग लगना कहते हैं । जंग वास्तव में लोहे का ऑक्साइड है। जब लोहे के परमाणु ऑक्सीजन से मिलते यानी संयोग करते हैं, तो लोहे का ऑक्साइड बनता है। लोहे के परमाणुओं का ऑक्सीजन से मिलना ऑक्सीकरण की क्रिया कहलाती है। लोहे पर जंग लगने के लिए ऑक्सीजन और नमी का होना अत्यंत आवश्यक है। नमी और ऑक्सीजन की उपस्थिति में लोहे के परमाणु धीरेधीरे ऑक्सीजन से मिलकर लोहे का ऑक्साइड बनाते रहते हैं और जंग लगने की क्रिया जारी रहती है । जंग लगने से ठोस लोहे की सतह झड़ने लगती है और कमजोर पड़ जाती है। जंग लगने को रोकना वैज्ञानिकों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या रही है। लोहे पर जंग लगने को पेंट या प्लास्टिक की पतली परत चढ़ाकर कुछ हद तक रोका जा सकता है। पेंट या प्लास्टिक की पतली परत के कारण लोहे के परमाणु पानी के संपर्क में नहीं आ पाते इसलिए ऑक्सीजन लोहे के साथ संयोग नहीं कर पाती और जंग नहीं लगता।