6 दिन में गिर गया एक करोड़ की लागत से बना पंप हाउस का भवन, 19 जून को हुआ था उद्घाटन
6 दिन में गिर गया एक करोड़ की लागत से बना पंप हाउस का भवन, 19 जून को हुआ था उद्घाटन
पटना सिटी के मालसलामी थाना क्षेत्र के पुराने बस स्टैंड के समीप सामुदायिक भवन निर्माण के नाम पर एजेंसी द्वारा अधिक मिट्टी कटाई किए जाने से 6 दिन पूर्व लगभग एक करोड़ की लागत से उद्घाटित हुआ नवनिर्मित उच्च प्रवाही जलापूर्ति बोरिंग पंप का भवन जमींदोज हो गया. उच्च प्रवाही बोरिंग पंप का भवन जमींदोज होने से इलाके में अफरा-तफरी मच गई. स्थानीय लोगों द्वारा घटना की जानकारी वाटर बोर्ड और भवन निर्माण विभाग को दिए जाने के बाद वाटर बोर्ड और भवन निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच कर पूरे मामले की छानबीन में जुट गए हैं.
जलापूर्ति बोरिंग पंप का भवन गिरने से इलाके में भीषण पेयजल संकट कायम हो गया है. लगभग 20 हजार की आबादी पेयजल को लेकर प्रभावित हो गई है. घटना के बाद से गिरे हुए भवन के मलबे को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. बताया जाता है कि बोरिंग जलापूर्ति पंप के ठीक बगल में सामुदायिक भवन निर्माण को लेकर दीपांशु प्रमोटर एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मिट्टी की कटाई की जा रही थी. एजेंसी द्वारा जेसीबी मशीन से अधिक मिट्टी की कटाई किए जाने के कारण बोरिंग पंप का नवनिर्मित भवन जमींदोज हो गया.
लगभग एक करोड़ की लागत से बने नवनिर्मित जलापूर्ति बोरिंग पंप का बीते 19 जून को पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू ने उद्घाटन किया था. इस मौके पर स्थानीय वार्ड पार्षद विकास कुमार ने भवन निर्माण विभाग की एजेंसी पर अधिक मिट्टी कटाई किए जाने का आरोप लगाते हुए बोरिंग के भवन के गिरने का कारण अधिक मिट्टी कटाई बताया. वार्ड पार्षद का कहना था कि मिट्टी कटाई को लेकर एजेंसी द्वारा मानक का उपयोग नहीं किया गया. मौके पर मौजूद वाटर बोर्ड के कार्यपालक अभियंता सुजीत कुमार ने भवन निर्माण विभाग के एजेंसी पर प्राथमिकी दर्ज किए जाने की बात कही है.
मौके पर मौजूद भवन निर्माण विभाग के कनीय अभियंता जुगनू कुमार चौरसिया ने भी बोरिंग पंप के भवन के गिरने का कारण अधिक मिट्टी कटाई बताया है, हालांकि उनका कहना था कि मिट्टी काफी हल्की होने के कारण ही बोरिंग पंप के भवन को नुकसान पहुंचा है. इस दौरान कनीय अभियंता ने एजेंसी द्वारा जानबूझकर अधिक मिट्टी कटाई किए जाने की बात को सिरे से नकार दिया है.