Jug Jugg Jeeyo Review: शादियों को सफल बनाने की दिलचस्प कहानी : अनिल कपूर और वरुण धवन की फिल्म ‘जुग जुग जियो’ है कॉमेडी-इमोशन्स का मिक्सअप, पढ़ें फिल्म का रिव्यू

Jug Jugg Jeeyo Review: शादियों को सफल बनाने की दिलचस्प कहानी : अनिल कपूर और वरुण धवन की फिल्म ‘जुग जुग जियो’ है कॉमेडी-इमोशन्स का मिक्सअप, पढ़ें फिल्म का रिव्यू

जुग जुग जियो

फैमिली ड्रामा

निर्देशक: राज मेहता

कलाकार: वरुण धवन, कियारा आडवाणी, अनिल कपूर, नीतू कपूर, मनीष पॉल, प्राजक्ता कोली

Film Jug Jugg Jeeyo Review :फिल्म ‘जुग जुग जियो’ शुक्रवार यानी 24 जून को बड़े पर्दे पर रिलीज हो रही है. इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिल पर राज करने वाले बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन (Varun Dhawan) के साथ-साथ अभिनेत्री कियारा आडवाणी, अनिल कपूर, नीतू कपूर, मनीष पॉल और प्राजक्ता कोली भी भूमिकाओं में हैं. फिल्म ‘जुग जुग जियो’ का निर्देशन राज मेहता ने किया है. बता दें कि ‘जुग जुग जियो’ का निर्माण धर्मा प्रोडक्शंस और वायकॉम 18 स्टूडियोज ने किया है. फिल्म ‘जुग जुग जियो’ एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म है, जो आपको खूब हंसाती भी है लेकिन इमोशनल भी कर देती है.

क्या है फिल्म की कहानी?

दो जान पहचान वाले युवा शादी करते हैं और नौबत पांच साल में ही तलाक की आ जाती है। दूसरा दंपती सीनियर है। ऊपर ऊपर सब ठीक चल रहा है। बेटी की शादी होने वाली है। लेकिन, पिता को अब भी प्यार की तलाश है। पत्नी उसका ख्याल तो रखती है लेकिन उसके साथ वह रोमांटिक नहीं हो पाता है। फिल्म ‘जुग जुग जियो’ एक तरह से धर्मा प्रोडक्शंस की ही 21 साल पहले रिलीज हुई फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’ का न्यू मिलेनियल्स के लिए बना मॉडर्न संस्करण है। ये उस दौर की कहानी है जिसमें बाप को पटरी पर लाने के लिए बेटे को मैदान में उतरना होता है। मैदान में परिवार की तीनों शादियां हैं। दो हो चुकी हैं, तीसरी होने वाली है। इस तीसरी शादी की तैयारियों के बीच ही घर की दो शादियों के तार बिखर रहे हैं। फिल्म ‘जुग जुग जियो’ तीनों शादियों को उलट पलट कर, बदल बदल कर अलग अलग नजरिये से परखती है। त्याग, बलिदान, अपेक्षाओं, आकांक्षाओं और उम्मीदों व भरोसों की नावों पर सवार ये कहानी जिंदगी की असली हकीकतों की मंझधार में हिचकोले खाते आगे बढ़ती है।

फिल्म में जबरदस्त इमोशन्स

इस फिल्म मेंकॉमेडी के साथ-साथ इमोशन्स का भी बहुत बढ़िया तालमेल हैं. फिल्म सेकंड हाफ के बाद आपको इमोशनल कर देगी. फिल्म खत्म होने तक आपको रुलाएगी ही. फिल्म के कुछ बेहद सीन शानदार हैं. फिल्म में रिलेशनशिप को लेकर वो चीजें दिखाई गई हैं जो आपके हमारे जीवन में घटित हुई होंगी. अगर आप भी इस तरह के रिश्तों में रहे हैं तो ये फिल्म देखकर आप जरूर महसूस करेंगे.

कैसी है फिल्म में एक्टिंग?

फिल्म में एक्टिंग की बात करें तो वरुण धवन ने अपने कैरेक्टर के हिसाब से बढ़िया काम किया है. तो वहीं, नीतू कपूर ने भी फिल्मों में बढ़िया वापसी की है. अनिल कपूर ने इस तरह से रोल निभाया है कि उनके किरदार पर कभी गुस्सा आयेगा तो कभी प्यार. मनीष पॉल यहां कमाल करते दिख रहे हैं. वो गंभीर सिचुएशन में भी जो पंच मारते दिखते हैं. यूट्यूब की दुनिया से निकलकर फिल्मों में आईं प्राजक्ता कोहली ने अपने स्क्रीन टाइम के हिसाब से बेहतरीन काम किया है. निर्देशक राज मेहता ने अपने किरदार के हिसाब से सबको उतना ही स्क्रीन टाइम दिया है जितना वो डिजर्व करते हैं.

पापा के तलाक में अटकी बेटे की प्रेम कहानी

फिल्म ‘जुग जुग जियो’ की कहानी शुरू होती है कनाडा से। कामयाबी की रफ्तार पर सवार नैना को अपनी ही कंपनी में बड़ा प्रमोशन मिला है और इसके लिए उसे अपने पति से दूर टोरंटो से न्यूयॉर्क जाना है। नैना और कुकू एक दूसरे को बचपन से जानते हैं। दोनों ने लव मैरिज की लेकिन शादी के पांच साल बाद ही दोनों का स्वाभिमान और अभिमान रिश्तों में दरार डाल चुका है। कुकू की बहन गिन्नी की भारत में शादी तय हो चुकी है और दोनों अपना तलाक इस शादी के पूरे होने तक मुल्तवी रखने की बात तय करते भारत आते हैं। कुकू के पापा भीम का कुकू की टीचर रही मीरा से अफेयर चल रहा है और शराब के नशे में भीम ये बात बेटे को बता भी देता है। अपने तलाक की बात करने का मौका ढूंढ रहा बेटा अपने पिता की तलाक की तैयारियों की बात जानकर सन्न रह जाता है। मां परिवार में पसर चुकी इन दोनों विपदाओं से अनजान है। बेटी भी सिर्फ परिवार की आन के लिए एक अनजान से शादी के लिए तैयार हो चुकी है जबकि प्यार वह एक ऐसे युवा से करती है जो संगीत की दुनिया में अपना वजूद तलाशने का संघर्ष कर रहा है।

एक्टिंग

फिल्म में हर एक्टर ने जबरदस्त एक्टिंग की है. अनिल कपूर वरुण धवन के पापा के किरदार में खूब जमे हैं. वो अपने एक्सप्रेशन से ही हंसा देते हैं. अनिल कपूर जब जब स्क्रीन पर आते हैं आपको हंसाते हैं. वरुण धवन ने कमाल का काम किया है. एक तो पत्नी से परेशान दूसरा पापा से परेशान. वरुण ने चेहरे पर इस परेशानी को शानदार तरीके से जाहिर किया है. कियारा आडवाणी इस वक्त बॉलीवुड की सबसे कमाल की एक्ट्रेस हैं. एक के बाद एक हिट फिल्में दे रही हैं और यहां भी तमाम सितारों के बीच कियारा अलग चमकती हैं. उनकी स्क्रीन प्रेजेंस से लेकर एक्टिंग जबरदस्त है. नीतू कपूर को स्क्रीन पर देखना एक सुखद अहसास है. नीतू कपूर काफी खूबसूरत लगती हैं और उन्होंने जो एक्टिंग की है उसे आप देखकर महसूस ही कर सकते हैं. वो आपको कई सीन्स में रुला डालती हैं. मनीष पॉल कमाल के होस्ट हैं ये बात अब पुरानी हो गई. अब वो कमाल के एक्टर भी हैं. उनकी कॉमिक टाइमिंग गजब की है. अनिल कपूर वरुण धवन और मनीष पॉल के बीच की केमिस्ट्री इतनी कमाल की है कि आप पेट पकड़कर हंसते हैं .प्राजक्ता ने यूट्यूब की दुनिया के बाद बड़े पर्दे पर दमदार दस्तक दी है. वरुण की बहन के अपने किरदार को उन्होने अच्छे से निभाया है और लगता है कि वो लंबी पारी खेलेंगी.

संगीत सबसे कमजोर कड़ी

निर्माता करण जौहर ने फिल्म ‘जुग जुग जियो’ के लिए बिल्कुल सही कलाकारों का चुनाव किया है। फिल्म पर उनकी मेकिंग का असर भी दिखता है। भव्यता इसके सेट्स में साफ झलकती है। वेशभूषा पर खूब खर्च किया गया है और बड़े परदे के लिए जरूरी हर दृश्यावली सजाने के लिए उन्होंने पैसे की कमी नहीं दिखने दी है। फिल्म ‘जुग जुग जियो’ की दिक्कतें इसके संगीत और इसके तकनीकी टीम में हैं। फिल्म के कम से कम तीन गाने रीमिक्स हैं। ‘नच पंजाबन’ पाकिस्तानी गायक अबरार उल हक के गाने का, ‘रंगीसारी’ शोभा गुर्टू की मशहूर ठुमरी का और ‘दुपट्टा’ भी बीती सदी के हिट पंजाबी गाने का रीमिक्स है। धर्मा प्रोडक्शंस जैसी कंपनियों से हिंदी सिनेमा के संगीत का स्तर ऊपर ले जाने और मूल संगीत के लिए संजीवनी तलाशने की उम्मीद रहती है। लेकिन, फिल्म ‘जुग जुग जियो’ संगीत के स्तर पर बहुत निराश करती है। जय पटेल की सिनमैटोग्राफी औसत दर्जे की है और मनीष मोरे का संपादन भी खास प्रभावित नहीं करता। फिल्म की अवधि भी इंटरवल से पहले कम से कम 15 मिनट कम हो सकती है।

देखें कि न देखें

अपने पति के अफेयर की बात सुनकर गीता सैनी जब अपनी बहू नैना के साथ झील के किनारे वाइन पीने बैठती है तो पूरी फिल्म का सार यहां नीतू कपूर को मिले संवादों में सिमट आता है। अनजाने पुरुष के साथ ब्याह दी गई बेटियां दूसरे घर में प्यार की उम्मीद लेकर आती हैं। दोनों ठीक से पति पत्नी बन भी पाएं, उससे पहले ही दोनों माता पिता बन जाते हैं। फिर जब बच्चे बड़े होते हैं और दूर चले जाते हैं तो दोनों को फिर से पति पत्नी बनने का मौका मिलता है, लेकिन तब तक दोनों एक दूसरे की आदत बन चुके होते हैं। अब इंसान अच्छा हो या बुरा, लेकिन आदतें कहां छूट पाती हैं! यही फिल्म ‘जुग जुग जियो’ का सार है। फिल्म इसीलिए पारिवारिक मनोरंजन की कसौटी पर पास हो जाती है क्योंकि यहां मामला दो पीढ़ियों के जेनरेशन गैप के अलावा दो पीढ़ियों की बदलती सोच में सामंजस्य बिठाने का भी है। वीकएंड पर फैमिली आउटिंग के लिए फिल्म ठीक है।

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