सहारा इंडिया के निवेशकों का पैसा कब मिलेगा ? Sahara Group ने जारी किया बयान 

 सहारा इंडिया के निवेशकों का पैसा कब मिलेगा ? Sahara Group ने जारी किया बयान 

निवेशकों को भुगतान करे तो कैसे करे?: सहारा

बयान में कहा गया, ‘यह विडम्बना ही है कि एक ओर जहां माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार सहारा ने 25,000 करोड़ रु पए मय ब्याज सहारा-सेबी खाते में जमा करा दिए हैं और यह धन पिछले 9 वर्षो से सेबी के पास व्यर्थ पड़ा है, वहीं दूसरी ओर हम पर लगे प्रतिबंधों के कारण अपनी संपत्ति को बेचकर या गिरवी रखकर सहारा निवेशकों को सीधे भुगतान नहीं कर सकता। जब संपत्तियां प्रतिबंधित हों और उपलब्ध धन सहारा-सेबी खाते में जमा हो तो सहारा अपने निवेशकों को भुगतान करे तो कैसे करे? जब सख्त बेड़ियां पड़ी हों तो कोई कैसे दौड़ सकता है? इन सबके बावजूद सहारा भुगतान तो कर रहा है किंतु भुगतान में विलम्ब हो रहा है। बयान में कहा गया कि सहारा (Sahara India Faimly) अपने निवेशकों को पिछले 44 वर्षो से भली-भांति सेवाएं दे रहा है और अतीत में कभी भी कोई मुद्दा नहीं उठा है।

सेवी के पास पास सहारा के 25,000 करोड़ रुपए !

Sahara India Refund Status 2022: सहारा इंडिया परिवार ने पिछले दिनों जारी एक बयान में कहा कि सेबी के पास सहारा के 25,000 करोड़ रुपए रखे हैं और विगत नौ वर्षों में सेबी ने निवेशकों को लगभग 125 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया है। यह न तो तर्कसंगत है और न ही न्यायोचित है। सेबी को निवेशकों (Sahara India Investors) के हित में कार्य करना चाहिए। सेबी या तो निवेशकों को भुगतान शुरू करे या उस धन को सहारा को वापस करे, ताकि हम अपने निवेशकों को भुगतान कर सकें। यह बात सहारा इंडिया परिवार द्वारा सोमवार को यहां जारी एक बयान में कही गई।

यह कृत्य निहायत ही गैर-जिम्मेदाराना: सहारा इंडिया परिवार

बयान में कहा गया है कि सहारा और इसके निवेशक वर्तमान परिस्थिति के शिकार हैं, जहां एक ओर सहारा के 25,000 करोड़ रुपए सेबी ने निवेशकों के हित के नाम पर अपने पास व्यर्थ में रखे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर सेबी ने मार्च, 2018 में घोषणा कर दी थी कि वह जुलाई, 2018 के बाद किसी भी निवेशक को भुगतान नहीं करेगा। सेबी का यह कृत्य निहायत ही गैर-जिम्मेदाराना है और निवेशकों के हितों के विरुद्ध है।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 5 दिसम्बर 2012 के आदेशानुसार 25,000 करोड़ रुपए की इस धनराशि से सेबी ने न तो निवेशकों को भुगतान किया है और न ही यह धनराशि सहारा को वापस की है। सेबी को यह समस्त धनराशि या तो सहारा को वापस कर देनी चाहिए, जिससे कि निवेशकों को भुगतान किया जा सके या सेबी द्वारा निवेशकों को अविलम्ब भुगतान शुरू कर देना चाहिए ताकि निवेशकों के हितों की रक्षा की जा सके।

Sahara Fraud case: New Action

दूसरी तरफ मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन लि। और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लि। के साथ-साथ सुब्रत रॉय (Subrata Roy) अशोक रॉय चौधरी, रवि शंकर दुबे और वंदना भार्गव पर 12 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना राशि संयुक्त रूप से 45 दिनों के भीतर जमा करनी है।बता दें साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि सहारा समूह की कंपनियों ने सेबी कानूनों का उल्लंघन किया और अवैध रूप से 3.5 अरब डॉलर से अधिक का भुगतान किया। कंपनियों ने कहा कि उन लाखों भारतीयों से पैसे जुटाए गए जो बैंकिंग सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकते थे। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हाल में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400।87 करोड़ रुपये और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) ने 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये कलेक्ट किए थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *