अनुकूलित एवं सहायक उपकरणों से आप क्या समझते हैं ?

अनुकूलित एवं सहायक उपकरणों से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर— अनुकूली उपकरण – अनुकूली उपकरणों का तात्पर्य ऐसे समर्थनात्मक साधनों से है जो असमर्थी अधिगमकर्त्ता की शारीरिक या गत्यात्मक क्रियाओं को सुविधाजनक बनाकर शिक्षा प्राप्ति तक उसकी पहुँच को सरल बनाते हैं। इस प्रकार ये उपकरण या सुविधाएँ असमर्थी बालक की शारीरिक एवं मानसिक गतिविधि सम्बन्धी वातावरणीय बाधाओं के निराकरण के अनुकूल होना चाहिए । इस प्रकार ये उपकरण असमर्थी बालकों की शिक्षा में पूर्ण रूप से सहायक होते हैं। दूसरे शब्दों में अनुकुली उपकरणों का तात्पर्य है कि “यह साधन अपंगता के कारण बालक की क्रियाओं में हुए अभाव की क्षतिपूर्ति में सहायक होते हैं । इनका सम्बन्ध बाधित बालकों की शारीरिक गतिविधियों से होता है। “
अनुकूली उपकरण को क्रियात्मक साधन भी कहा जा सकता है। इस प्रकार विभिन्न अनुकूली उपकरणों के द्वारा विद्यालय में असमर्थी या बाधित बालकों की शारीरिक गत्यात्मक क्रियाओं को बाधा रहित बनाने में मदद मिलती है ।
सहायक उपकरण – समावेशी शिक्षा में सहायक उपकरणों का तात्पर्य उन साधनों से है जो असमर्थी अधिगमकर्त्ता की पाठ्य-सामग्री के संग्रहण में मदद करते हैं। सहायक उपकरण विशिष्ट बालकों की शिक्षा का एक अंग हैं क्योंकि वे उपकरण उनकी शैक्षिक जरूरतों में सम्मिलित होते हैं। सहायक उपकरणों की समुचित व्यवस्था के बिना असमर्थी बालकों की शैक्षिक आवश्यकताओं की पूर्ति असंभव है। दूसरे शब्दों में ये उपकरण असमर्थी बालकों की शैक्षिक उपलब्धि, विकास तथा वैयक्तिक एवं सामाजिक समायोजन की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं। असमर्थी बालकों की बाधिता अलग-अलग तरह की होने के कारण इनकी शिक्षा सम्बन्धी पाठ्य-सामग्री तथा उपयुक्त प्रणालियों का चयन करना पड़ता है। कुछ बालक दृष्टिबाधित तथा कुछ बालक श्रवण बाधित होते हैं । वाणी व भाषा दोष वाले बालकों की संख्या प्रायः अधिक होती है। ये बालक अपने विशिष्ट दोषों के कारण शिक्षक के ध्यान में शीघ्र ही आ जाते हैं परन्तु ऐसे बालक शिक्षक से शैक्षिक सहयोग कम ही पाते हैं। अधिगम असमर्थता तथा बौद्धिक रूप से ही बालकों की संख्या दूसरे असमर्थी बालकों की अपेक्षा कम होती है। इस तरह सहायक उपकरणों का सम्बन्ध बालक की बाधिता की भिन्नता के साथ-साथ उसकी बाधिता की तीव्रता से भी होती है क्योंकि असमर्थी बालकों की बाधिताओं के
अनेक वर्ग हैं, प्रत्येक वर्ग के असमर्थी बालकों के सहायक उपकरण सम्बन्धी विशिष्ट जरूरतें होती हैं। इसलिए इन बालकों को अनेक प्रकार के सहायक उपकरणों की आवश्यकता होती है। अतः बालकों में जैसी बाधिता होती है, उसी के अनुरूप उनके लिए विविध प्रकार के सहायक उपकरणों की अवस्था करना अपेक्षित होता है।
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