असहयोग आंदोलन में चौरी-चौरा की घटना का क्या महत्त्व है ?
असहयोग आंदोलन में चौरी-चौरा की घटना का क्या महत्त्व है ?
उत्तर ⇒ असहयोग आंदोलन पूर्णतः अहिंसक आंदोलन था जिसमें हिंसा का कोई स्थान नहीं था। लेकिन 5 फरवरी, 1922 को गोरखपुर (उत्तरप्रदेश) के चौरा-चौरी नामक स्थान पर आंदोलनकारियों की भीड़ ने पुलिस थाना पर हमला कर अनेक पुलिसकर्मियों को जिंदा जला दिया। इस घटना से गाँधीजी काफी दुखित हुए और उन्होंने तत्काल असहयोग आंदोलन को वापस लेने का निर्णय किया।