ई-मेल की क्रियाविधि को समझाइये।

 ई-मेल की क्रियाविधि को समझाइये।

 उत्तर–  ई-मेल की कार्यप्रणाली-ई-मेल भेजने के लिए हमारे कम्प्यूटर पर कोई कम्युनिकेशन सॉफ्टवेयर होना चाहिए। यह सॉफ्टवेयर हमें एक साधारण एडिटर उपलब्ध करवाता है जिसकी सहायता से हम कोई भी
मैसेज टाइप कर सकते हैं। इसके बाद हमें पाने भी टाइप करना होता है। ई-मेल एड्रेस की तुलना हम एक साधारण पत्र में लिखे जाने वाले पते से कर सकते हैं। एड्रेस की सहायता से ही ई-मेल सही डेस्टिनेशन पर पहुंचता है।
इसके बाद हम उचित आदेश (सामान्यतः) देकर ई-मेल को भेज सकते हैं। ई-मेल सीधा डेस्टिनेशन पर नहीं पहुँचता क्योंकि भेजने वाले कम्प्यूटर व डेस्टिनेशन के बीच बहुत से कम्प्यूटर हो सकते हैं। जिस प्रकार एक साधारण पत्र पोस्ट ऑफिसेज के माध्यम से डेस्टिनेशन पर पहुँचता है, ठीक उसी प्रकार ई-मेल भी बहुत से कम्प्यूटर्स के माध्यम से डेस्टिनेशन पर पहुँचती है।
ई-मेल भेजने के लिए आवश्यक है कि हमारा कम्प्यूटर किसी ई-मेल सर्वर से जुड़ा हो। इसकी तुलना हम एक निकटतम पोस्ट ऑफिस से कर सकते हैं, जहाँ से आपके पत्र आगे भेजे जाते हैं। ई-मेल सर्वर ऐसा सॉफ्टवेयर है जो SMTP (Simple Mail Transfer Protocol) सर्वर पर आधारित होता है।
जब हम ई-मेल भेजते हैं तो हमारे कम्प्यूटर पर स्थित कम्युनिकेशन सॉफ्टवेयर ई-मेल क्लाइन्ट का काम करता है। वह ई-मेल सर्वर जिसकी सहायता से हम मैसेज भेजते हैं। एस.एम.टी.पी. सर्वर कहलाता है। कनेक्शन स्थापित होने के बाद कम्युनिकेशन सॉफ्टवेयर ई-मेल को एस. एम.टी.पी. सर्वर पर भेज देगा। यदि ई-मेल का डेस्टिनेशन एड्रेस यही एस.एम.टी.पी. सर्वर हो तो ई-मेल वहीं पर स्टोर हो जाएगी। अन्यथा एस. एम.टी.पी. सर्वर ई-मेल को दूसरे एस.एम.टी.पी. सर्वर पर भेज देगा। यहाँ भी एस.एम.टी.पी. प्रोटोकॉल ही काम करता है।
इस प्रकार बहुत से एस.एम.टी.पी. सर्वर्स (जिनकी तुलना आप पोस्ट ऑफिसेज से कर सकते हैं।) के माध्यम से ई-मेल उस एस. एम. टी.पी. सर्वर पर पहुँच जाती है जिसका एड्रेस ई-मेल के एड्रेस वाले भाग में दिया जाता है। अंतिम एस.एम.टी.पी. सर्वर की तुलना हम डेस्टिनेशन एड्रेस के निकटतम ऑफिस से कर सकते हैं। यहाँ से डाक वितरित होगी।
एक साधारण पत्र की तरह ई-मेल सीधे प्राप्त करने वाले के पास नहीं पहुँचती। इसकी तुलना हम सामान्य डाक में पोस्ट बॉक्स नं. से कर सकते हैं। हमें पोस्ट बॉक्स में आने वाले सभी पत्रों को स्वयं पोस्ट-ऑफिस में जाकर प्राप्त करना होता है। प्रत्येक ई-मेल एड्रेस के लिए किसी न किसी एस.एम.टी.पी. सर्वर पर एक मेलबॉक्स होता है। यह एक डाइरेक्टरी या फोल्डर होता है जहाँ ई-मेल्स को स्टोर किया जा सकता है।
अतः ई-मेल उसमें दिये गये एड्रेस के अनुसार एक एस.एम.टी.पी. सर्वर में जाकर प्राप्त करने वाले के मेल बॉक्स में स्टोर हो जाती है। यह मेल तब तक मेल बॉक्स में रहेगी जब तक कि पाने वाला इसे डिलीट न कर दे।
प्राप्त करने वाला एक कम्युनिकेशन सॉफ्टवेयर की सहायता से ई-मेल को रीड कर सकता है। इसके लिए प्राप्त करने वाले के कम्प्यूटर में स्थित कम्युनिकेशन सॉफ्टवेयर (ई-मेल क्लाइन्ट) एस. एम. टी.पी. सर्वर से कनेक्शन स्थापित करता है व इसके बाद वह अपने मेल-बॉक्स में स्टोर की गयी सभी ई-मेल्स को पढ़ सकता है। ई-मेल पढ़ने के लिए सामान्यतः पी.ओ.पी. प्रोटोकॉल काम में लिया जाता है। ई-मेल प्रक्रियाएँ– एक व्यक्ति ई-मेल सुविधा के उपयोग के दौरान निम्न ई-मेल प्रक्रियाओं को काम में लेता है-
1. प्राप्त ई-मेल संदेशों को पढ़ना।
2. प्राप्त ई-मेल संदेशों को फाइल में सुरक्षित रखना।
3. प्राप्त संदेशों को अन्यत्र भेजना।
4. संदेश मिटाना।
5. नये ई-मेल संदेशों का निर्माण करना ।
6.  ई-मेल संदेश भेजना।
ई-मेल सॉफ्टवेयर–उपर्युक्त ई-मेल प्रक्रियाओं को सम्पन्न करने के लिए ई-मेल सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है। वर्तमान में ई-मेल प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के लिए अनेक प्रकार के सॉफ्टवेयर्स बाजार में उपलब्ध हैं।
व्यवहार में अधिकांश कम्प्यूटर्स में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा निर्मित विण्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम ही प्रयोग में आता है। अतः वहाँ उपर्युक्त सॉफ्टवेयर्स में सर्वाधिक प्रचलित सॉफ्टवेयर आउटलुक एक्सप्रेस है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *