एकीकृत अथवा समन्वित शिक्षा का क्या महत्त्व है ?
एकीकृत अथवा समन्वित शिक्षा का क्या महत्त्व है ?
उत्तर – एकीकृत या समन्वित शिक्षा का महत्त्व-
(1) कम खर्चीली–विशिष्ट शिक्षा देने के लिए विशेष अध्यापक, विशेष प्रकार की शिक्षण विधियाँ, विशेष पाठ्यक्रम व विशेष शिक्षा व्यवस्था की आवश्यकता होती है जो काफी खर्चीली होती है। इसके विपरीत समाकलित शिक्षा सामान्य विद्यालयों में प्रदान की जाती है जो कम खर्चीली है।
(2) मानसिक विकास – विशिष्ट बच्चों को विशेष विद्यालयों में प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है। इससे उनमें हीन भावना पैदा होती है कि हमें सामान्य बच्चों के साथ क्यों नहीं पढ़ाया जा रहा। इस बात का उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है लेकिन समन्वित शिक्षा विशिष्ट बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ सामान्य विद्यालयों में प्रदान की जाती है, इससे उनमें आत्मविश्वास उत्पन्न होता है। असमर्थ बच्चों
( 3 ) प्राकृतिक वातावरण सामान्य विद्यालयों में को प्राकृतिक वातावरण प्राप्त होता है। असमर्थ बच्चे समर्थ बच्चों के साथ रहते-रहते अपने आपको सहजता से उनके साथ समायोजित कर लेते हैं।
(4) सामाजिक मूल्यों का विकास समाज में सभी प्रकार के (समर्थ व असमर्थ) बच्चे होते हैं। समन्वित शिक्षा द्वारा समर्थ व असमर्थ दोनों प्रकार के बच्चों को समान शिक्षित किया जाता है। सभी प्रकार के वर्गों के बालक आपस में मिलते हैं। इस प्रकार उनमें सामाजीकरण की भावना का विकास होता है। उनमें सहयोग, सहायता, समायोजन विभिन्न प्रकार के सामाजिक मूल्यों का विकास होता है।
(5) समानता का सिद्धान्त हमारे संविधान में प्रत्येक बालक के लिए समान शिक्षा देने की बात कही गयी है, बिना किसी भेदभाव के । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए समन्वित शिक्षा की आवश्यकता है।
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