पोर्टफोलियो का क्या अर्थ है ? पोर्टफोलियो के आधारभूत तत्त्व कौन से हैं ? अध्यापक के लिए पोर्टफोलियों आंकलन का क्या महत्त्व है ?
पोर्टफोलियो का क्या अर्थ है ? पोर्टफोलियो के आधारभूत तत्त्व कौन से हैं ? अध्यापक के लिए पोर्टफोलियों आंकलन का क्या महत्त्व है ?
अथवा
पोर्टफोलियो से क्या आशय है ? उत्तम अधिगम आंकलन में इसकी क्या भूमिका होती है ?
उत्तर – पोर्टफोलियो का अर्थ (Meaning of Portfolio )— विद्यालय में विद्यार्थी के सीखने की प्रक्रिया के दौरान जब मूल्यांकन या आंकलन साथ-साथ चल रहा होता है, उस अवस्था में शिक्षक के पास विद्यार्थियों के बारे में बहुत सी सूचनाएँ तथा जानकारी एकत्रित हो जाती है, जिसमें विद्यार्थियों द्वारा किए गए कार्यों का संग्रह, दैनिक क्रिया के कार्यों का संग्रह या विद्यार्थी द्वारा किए गए क्रिया-कलापों के नमूने हो सकते हैं। किसी भी विद्यार्थी से सम्बन्धित ये सभी तिथि सहित एकत्रित सामग्री विद्यार्थी का जीवन वृत (बायोडाय) तथा अध्यापक द्वारा विद्यार्थी के व्यवहार में परिवर्तन हेतु अपनाए गए उपाय व विद्यार्थियों की प्रतिक्रियाएँ छात्र का पोर्टफोलियो कहलाता है। उक्त पोर्टफोलियो में विद्यार्थी का विद्यालय में, घर और समाज में उपलब्धियों का साक्ष्य वर्णित होता है। इसमें विभिन्न क्रियाओं, गतिविधियों तथा कौशलों में उनकी पारंगतता का प्रदर्शन भी होता है।
पोर्टफोलियो के उद्देश्य (Aims/Objectives of Portfolio )— पोर्टफोलियो के उद्देश्य निम्नलिखित हैं—
(1) छात्र अपनी अधिगम की योजना बना सकेंगे।
(2) छात्र अपनी अधिगम की व्यवस्था के स्वरूप को अपना सकेंगे।
(3) छात्र आंकलन हेतु सक्रिय और प्रतिबिम्बित भूमिका अपना सकेंगे।
( 4 ) छात्र प्राप्त ज्ञान/अधिगम को प्रदर्शित करने के अवसर को प्राप्त कर सकेंगे।
(5) छात्र अपना बौद्धिक विकास कर अधिगम में वृद्धि कर सकेंगे।
पोर्टफोलियो आंकलन के आधारभूत तत्त्व (Basic Elements of Portfolio Assessment) — पोर्टफोलियो आंकलन के लिए शिक्षक को सामान्य रूप से एक आधार-पत्रक बनाना चाहिए जिसमें बच्चों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने का प्रावधान सम्मिलित हों। इसके आधार पर शिक्षक बच्चों की उनकी वास्तविक स्थिति के बिन्दुओं की जानकारी प्राप्त करता है, जैसे—
(1) बच्चे क्या-क्या कर सकते हैं, क्या करना चाह रहे हैं और क्या करने में उसे कठिनाई महसूस हो रही है।
(2) बच्चे को क्या-क्या करना ज्यादा पसन्द है और क्या-क्या करना नापसन्द ।
(3) समस्या आने पर भी बच्चों ने कार्य को पूरा किया या नहीं।
(4) सहयोग, उत्तरदायित्व, संवेदनशीलता, रुचि आदि पहलुओं पर वार्तालाप के अवसर को तलाशा कि नहीं।
(5) अभिभावक से चर्चा करना कि वे अपने बालकों को किस प्रकार परिमार्जन हेतु मदद कर सकते हैं, घर पर बालकों का आंकलन किस प्रकार कर सकते हैं।
(6) बच्चों द्वारा किए गए कार्यों का नमूना, किए गए कार्यों के विशिष्ट कार्य, गुणात्मक कथन, मात्रात्मक पृष्ठपोषण आदि को संकलित कर नियत समय पर उसका प्रस्तुतीकरण ।
(7) बच्चों ने किस कार्य को किस तरह से सीखा है और सीखने में कहाँ-कहाँ पर कठिनाइयों का सामना किया है।
(8) बच्चों के अच्छे और बुरे कार्यों की चर्चा अभिभावकों से करना जिससे उनकी सफलता और सुधार के क्षेत्रों को दिखाने में सहायता कर सके।
(9) बच्चे को वास्तविक ज्ञान देने के लिए शिक्षक द्वारा अधिगम के विभिन्न शैलियों/पद्धतियों को अपनाने की संज्ञानात्मक प्रगति पर चर्चा करना ।
(10) छात्र का उन मापदण्डों से परिचित करना जिनका उपयोग उनके काम को परखने के लिए किया जायेगा।
पोर्टफोलियो आंकलन का शिक्षक के लिए महत्त्व (Importance of Portfolio Assessment for Teacher) पोर्टफोलियो शिक्षक को बच्चों के कार्यों के बारे में आंकलन करने हेतु कई प्रकार से उपयोगी सिद्ध होता है तथा यह शिक्षक के लिए महत्त्वपूर्ण कार्य है, जैसे कि–
(1) सम्पूर्ण सत्र अथवा सम्पूर्ण वर्ष में बच्चों के विकास प्रगति को जानने में सहायता मिलती है।
(2) बच्चों को स्वयं के कार्य के बारे में तथा स्वयं के मूल्यांकन के बारे में जानने तथा भविष्य की कार्ययोजना बनाने में सहायक होता है।
(3) शिक्षक-विद्यार्थी, शिक्षक-अभिभावक एवं शिक्षक व किसी विशेष सन्दर्भ में व्यक्ति के बीच बच्चों की उपलब्धि प्रगति तथा संवृद्धि के विषय में सम्प्रेषण हेतु समन्वय स्थापित करता है।
(4) शिक्षक, विद्यार्थी तथा अभिभावक के बीच बच्चे की प्रगति हेतु साझा प्रयास के विचारों और तथ्यों को विकसित करता है।
(5) बच्चे के दृष्टिकोण, रुचि, सोच, सीखने के तरीके, कमजोरी के बिन्दु, क्रिया-कौशल, जाँच-पड़ताल के कौशल व विषय वस्तु के ग्रहण करने की क्षमता के बारे में आंकलन करने के बारे में विवरण प्रस्तुत करता है।
पोर्टफोलियो में बच्चे के केवल सर्वोत्तम कार्यों को ही नहीं बल्कि आवश्यक रूप से उनके द्वारा किए गए सभी प्रकार के क्रिया-कलापों को शामिल किया जाना चाहिए ताकि सम्पूर्ण वर्ष में बच्चे द्वारा किए गए कार्यों, गतिविधियों के बारे में तथा उनमें हुई सतत् प्रगति के बारे में जानकारी तथा आंकलन हो सकें। इस हेतु पोर्टफोलियो आंकलन में निम्नलिखित तथ्यों को सम्मिलित किया जा सकता है—
(1) अवलोकन टिप्पणी प्रयोग की टिप्पणी |
(2) फील्ड रिपोर्ट – साक्षात्कार, प्रश्नावली, रिपोर्ट, चित्र, तालिका ग्राफ एवं एकत्र किए गए सामान ।
(3) सर्वे फार्मेट- प्रतिवेदन, प्रगति आंकलन पत्रक, आंकलन के प्रारूप एवं अन्य सर्वे से सम्बन्धित प्रपत्र ।
(4) प्रतिक्रिया टिप्पणी या स्व-आंकलन टिप्पणी | की
(5) सृजनात्मक कार्यों विस्तृत सूची ।
पोर्टफोलियो का आंकलन (Assessment of Portfolio)– पोर्टफोलियो आंकलन एक व्यवस्थित छात्र कार्यों का संग्रह है, जिसे विशेष ज्ञान, अनुदेशन, उद्देश्यों एवं मूल्यांकन के मापदण्ड के विशेष सन्दर्भ में एकत्रित किया जाता है। छात्र के व्यक्तिगत क्रियाओं के मापन द्वारा आंकलन विशेष मानदण्डों के आधार पर किया जाता है। पोर्टफोलियो के विकास अध्यापक के निर्देशन एवं सहायता से अधिगमकर्ता द्वारा किया जाता है । अध्यापक एकीकृत पोर्टफोलियों में अनुदेशन व आंकलन के साथ-साथ आंकलन से सम्बन्धित छात्र, अध्यापक, प्रशासन, मातापिता एवं सहपाठी द्वारा पूछे गए प्रश्नों को भी सम्मिलित करता है|
पोर्टफोलियो आंकलन एक विकल्पात्मक या मानकीकृत आंकलन होता है जो छात्र की प्रगति तथा विकास का मापन एक निश्चित समयवधि में करता है। इसमें विशेष प्रकार के कौशलों का चयन किया जाता है | जिसमें चारों भाषायी कौशल, यथा-पढ़ना, लिखना, सुनना एवं मौखिक तथा तीनों संचारी प्रारूप तथा अन्तर्वैयक्तिक अन्तर्मुखी एवं व्यक्तिगत का आंकलन सम्मिलित किया जाता है।
पोर्टफोलियो आंकलन अनुदेशन के अधिक समीप होता है, जिसके दो शैक्षणिक लाभ होते हैं प्रथम लाभ यह है कि आपने (शिक्षक) अब तक छात्रों को जो कुछ भी पढ़ाया है उसका मापन हो रहा है जिसमें आंकलन अनुदेशन से जुड़ रहा है। दूसरा लाभ यह है कि उसके द्वारा यह ज्ञात होता है कि अनुदेशन अभ्यास में कौन-कौन सी कमी रह गई है। इसमें आंकलन भी एक प्रकार से अधिगम अनुभव होता है। यह विद्यार्थियों को सकारात्मक रूप से सम्मिलित करता है, उसके सकारात्मक पक्ष को मजबूत करता है, उनके आत्मविश्वास में वृद्धि करता है तथा बच्चों के रचनात्मक कार्यों को प्रोत्साहित करता है।
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