भारत की चार प्रमख नदी घाटी परियोजनाओं का वर्णन करे।

भारत की चार प्रमख नदी घाटी परियोजनाओं का वर्णन करे।

उत्तर ⇒ भारत में एक साथ कई उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कई नदी पार परियोजनाएँ बनाई गई है। इनमें चार मुख्य नदी घाटी परियोजना निम्नलिखित है-

(i) दामोदर नदी घाटी परियोजना- पहले दामोदर नदी विनाश लाने वाली ‘शोक नदी’ के रूप में जानी जाती थी। ये छोटानागपुर (झारखंड निकलकर पश्चिम बंगाल में हुगली नदी तक जाती है। इसके निकट कोयला और लौह-अयस्क का भंडार पाया जाता है। इस परियोजना से दामोदर और उसकी सहायक नदियों पर बाँध बनाये गये जिससे बाढ़ पर नियंत्रण किया गया, जल वित का उत्पादन किया जाने लगा, सिंचाई के लिए नहरें बनायी गई। जल विद्यत ” से छोटानागपुर और पश्चिम बंगाल के उद्योगों का भरपूर विकास हुआ।

(ii)भाखड़ा नांगल परियोजना- यह सतलज नदी पर दुनिया का सबसे ऊँचा बाँध बनाया गया है। यह भारत की सबसे बड़ी परियोजना है। इस परियोजना से 18 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है। इससे कृषि और उद्योग में क्रांति आयी है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान राज्य मुख्य रूप से लाभांवित है।

(iii) हीराकण्ड परियोजना- उड़ीसा राज्य के महानदी पर ससार का सबसे लंबा बाँध बनाया गया है। इससे सिंचाई और बिजली उत्पादन कर कृषि एवं उद्योग
को विकास किया गया है।

(iv) कोसी परियोजना- यह उत्तर बिहार की कोसी नदी पर बनायी गयी परियोजना है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, भूमि संरक्षण, जल विद्युत उत्पादन करना है। इस परियोजना से बिहार राज्य और नेपाल देश को लाभ मिला है।

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