रचनात्मक आकलन का वर्णन कीजिए।

रचनात्मक आकलन का वर्णन कीजिए।

उत्तर- रचनात्मक आकलन-सन् 1968 में बैंजामिन ब्लूम ने पुस्तक ‘Learning for mastery’ में इस प्रत्यय अर्थात् रचनात्मक आकलन (मूल्यांकन) के बारे में बताया कि यह शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में छात्रों के सुधार के लिए एक उपकरण जैसा प्रयोग किया जाता है।

दूसरे शब्दों में, शिक्षण प्रक्रिया में शिक्षण की पाठ्यवस्तु को हमेशा इकाइयों में बाँटकर शिक्षण किया जाता है। प्रत्येक इकाई को दो या तीन इकाइयों में समूह को छात्रों को पढ़ाने के बाद अन्त में परीक्षण दिया जाना चाहिए। इसे ही इकाई परीक्षण या संरचनात्मक मूल्यांकन (Formative Evaluation) कहते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में यह मूल्यांकन वह मूल्यांकन है जो कि किसी निर्माणाधीन शिक्षानीति, शिक्षणविधि या मूल्यांकन विधि की संरचना को अन्तिम रूप देने से पहले किया जाता है। यह छात्र के प्रारम्भिक ज्ञान की परीक्षा है तथा प्रदत्त ज्ञान को व्यवहार में प्रयुक्त करने की योग्यता है। यह छात्र में होने वाले उस व्यवहार सम्बन्धी परिवर्तन की ओर संकेत करता है जिससे वह सैद्धान्तिक विषयों से प्रायोगिक विषयों की ओर अग्रसर होता है अर्थात् इसमें छात्र एवं छात्रा द्वारा अपने प्राप्त ज्ञान का दैनिक जीवन में प्रयोग करने का मूल्यांकन किया जाता है। संरचनात्मक मूल्यांकन के अन्तर्गत निदानात्मक परीक्षण भी औपचारिक तथा अनौपचारिक दोनों ही तरीके से शामिल होता है। यह अध्यापक द्वारा निर्मित होता है एवं शिक्षण प्रक्रिया में सुधार लाता है तथा इसके माध्यम से अधिक सीखते हैं।
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