रजोधर्म का वर्णन कीजिए।

रजोधर्म का वर्णन कीजिए।

उत्तर⇒ स्त्रियों में मासिक धर्म-स्त्रियों में यह चक्र 13-15 वर्ष की आयु में ‘प्रारम्भ होता है। यह यौवनावस्था होती है। स्त्रियों में मासिक धर्म 28 दिन का होताहै। यही समय अण्डाणु का पूर्ण जीवन काल होता है।
इसकी अवस्थायें निम्नलिखित हैं-
(i) 1-5 वें दिन तक पुराना अंडाणु रजोधर्म के समय बाहर आता है।अंडाशय में नये अंडाणु की वृद्धि प्रारम्भ हो जाती है ।

(ii) 6-12वें दिन तक अंडाशय से अंडाणु परिपक्व होकर ग्रेफियन फालिकिल बन जाता है।

(iii) 13-14वें दिन में ग्रफियन फालिकिल अंडाशय से बाहर आकर अंडवाहिनी में पहुँच जाता है। ये अंडोत्सर्ग कहलाता है।

(iv) 15-16वें दिन अंडाणु अंडवाहिनी और फिर गर्भाशय में आकर शुक्राणु से मिलने की प्रतीक्षा करता है। यदि इस बीच निषेचन होता है हो अंडाणु युग्मनज में परिवर्तित हो जाता है, जो विकास करके 9 माह में शिशु बनकर जन्म लेता है।

(v) निषेचन नहीं होता है तो 17-28वें दिन तक यह निष्क्रिय हो जाता है। 28 दिन बाद रजोधर्म से बाहर आता है।

(vi) यह चक्र एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्टीरोन हार्मोन्स द्वारा नियंत्रित रहता है।स्त्रियों में रजोनिवृत्ति 45-50 वर्ष तक होती है। लड़कों में किशोरावस्थाका प्रारम्भ 13 से 15 वर्ष में होता है। इनमें कोई चक्र नहीं होता है। शुक्राणओं का निर्माण जीवन भर होता है ।

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