वन एवं वन्य प्राणियों के महत्त्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।

वन एवं वन्य प्राणियों के महत्त्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।

उत्तर ⇒ वन एवं वन्य प्राणी न केवल प्राकृतिक संसाधन है, बल्कि पारिस्थितिका तंत्र निर्माण के प्रमुख घटक है। मानव का इससे बडा गहरा संबंध है। वास्तव में वन प्रकति का एक अमूल्य उपहार है। वन और वन्य प्राणी मानव के लिए प्रतिस्थापित होने वाला संसाधन है। जीवमंडल में सभी जीवों को संतुलित स्थिति म जीने के लिए आवश्यक संतलित पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में वनों का सवाधिक योगदान रहा है।
मानव जीवन की तीन मूल आवश्यकताएँ होती हैं-भोजन, वस्त्र और आवास. इन तीनों आवश्यकताओं की पर्ति के लिए मानव प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से वनों पर ही निर्भर रहता है।
इतना ही नहीं वन जलवायु को भी प्रभावित करता है। वन अपने आसपास क्षेत्रों में वर्षा करवाकर कषि को उन्नत बनाता है। यह बाढ को नियात्रत करता है , यह मिट्टी कटाव को रोकता है, मिट्टी को उर्वर बनाता है। वन्य जीवों का शरणस्थल होता है साथ ही अनेक मानवीय आवश्यकताओं की पति को भी सुलभ बनाता है। इस प्रकार यह कह सकते हैं कि प्रकति का अनपम उपहार वन एवं वन्य जाव मानक के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण संसाधन है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *