संचित अभिलेख से आपका क्या आशय है ? इसके उद्देश्य क्या हैं ? संचित अभिलेख के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।

संचित अभिलेख से आपका क्या आशय है ? इसके उद्देश्य क्या हैं ? संचित अभिलेख के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-संचयी अभिलेखसंचयी अभिलेख में छात्र की शैक्षिक प्रगति और सफलता, शारीरिक स्वास्थ्य, रुझानों, सुझावों, दृष्टिकोणों, सामाजिक समायोजन आदि का पूर्ण विवरण होता है इस प्रकार संचयी अभिलेख छात्र का व्यक्तित्व, शैक्षिक तथा अन्य योग्यताओं का स्थायी इतिहास है। हम संचयी अभिलेख के अर्थ को और अधिक स्पष्ट करने के लिए विभिन्न विद्वानों की परिभाषाओं को उद्धृत कर रहे हैं
(1) “संचयी अभिलेख किसी छात्र के बारे में लम्बी विधि में एकत्रित की गयी सूचना होती है। ” —मुरे थॉमस
(2) “संचयी अभिलेख छात्र का स्थायी आलेख होता है। यह छात्र का शैक्षिक इतिहास होता है, जिसमें छात्र की उपस्थिति, स्वास्थ्य, परीक्षा अंक, विद्यालय साफल्य आदि के बारे में सूचनाएँ होती हैं। संचित अभिलेख भविष्य का विश्लेषण करने में सहायक होते हैं।’
-जे. डब्ल्यू. राइटस्टोन
संचयी अभिलेख के उद्देश्य संचयी अभिलेख तैयार करने के उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
(i) छात्रों को व्यक्तिगत रूप से समझने में शिक्षकों की सहायता करना।
(ii) अभिभावक शिक्षक सम्पर्क के अवसर प्रदान करना।
(iii) अवकाश के गुणों का सदुपयोग सम्बन्धी कार्यक्रम बनाने में सहायता प्रदान करना ।
(iv) शैक्षणिक तथा व्यावसायिक निर्देशन देने में सहायता प्रदान करना ।
(v) छात्रों की आवश्यकताओं को समझने में सहायता प्रदान करना ।
(vi) शिक्षकों को उनकी सफलता का ज्ञान प्रदान करना।
(vii)  शिक्षकों द्वारा छात्रों के समस्यात्मक व्यवहारों एवं उनके कारणों का ज्ञान कराना ।
(viii) शिक्षकों द्वारा छात्रों के बारे में ऐसे तथ्य उपलब्ध कराना जिनकी जानकारी उन्हें परीक्षण के माध्यम से प्राप्त नहीं हो पाती है।
संचयी अभिलेख के प्रकार –  सामान्य तौर पर संचयी अभिलेख पत्रों को तीन मुख्य भागों में विभाजित किया जा सकता है, जिनका अधिकतर प्रयोग विद्यालयों में किया जाता है।
 (1) पैकिट—एक पैकिट में एक से अधिक पत्र होते हैं। इसे रखने में भी कम स्थान की आवश्यकता होती है। इसे सरलता से मोड़ा जा सकता है। इसमें कम से कम चार पत्र अवश्य होते हैं, जैसे—
(i) छात्र सम्बन्धी जानकारी तथा छात्रवृत्ति का निश्चित प्रमाण।
(ii) परीक्षाफल ।
(iii) शैक्षणिक एवं व्यावसायिक दर्शन ।
(iv) स्वास्थ्य सम्बन्धी रिपोर्ट ।
( 2 ) एक पत्र आलेख – इस प्रकार के पत्र में एक ओर छात्र की वैषयिक सफलता, व्यक्तित्व के गुणों के उल्लेख का स्थान होता है तथा दूसरी ओर उसकी योग्यताओं तथा वातावरण सम्बन्धी सूचनाएँ होती हैं।
( 3 ) सामूहिक परत वाला पत्र—इसे मोड़कर सरलता से रखा जा सकता है। इसमें शिक्षा की प्रगति का इतिहास, पारिवारिक पृष्ठभूमि, छात्र की रुचियों आदि का उल्लेख किया जाता है।
संचयी अभिलेख का महत्त्व-संचयी अभिलेख के महत्त्व निम्नलिखित हैं
(1) इसके माध्यम से छात्रों की योग्यता, क्षमता एवं रुचि के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
(2) छात्रों के मूल्यांकन हेतु सभी आवश्यक तथ्य एक स्थान पर प्राप्त हो जाते हैं|
(3) इनके माध्यम से शिक्षकों को अपनी शिक्षण रणनीतियाँ बनाने में सुगमता हो जाती है।
(4) इसके माध्यम से छात्र की प्रगति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
(5) इसकी सहायता से छात्रों की उचित निर्देशन एवं परामर्श भी दिया जा सकता है।
(6) इसके माध्यम से छात्रों की रुचियों, आवश्यकताओं एवं योग्यताओं का व्यक्तिगत आलेख प्रस्तुत किया जा सकता है।
(7) इसके माध्यम से छात्रों द्वारा किए गए कार्यों का विवरण रखा जाता है।
(8) छात्रों से सम्बन्धित सार्थक एवं महत्त्वपूर्ण तथ्यों को संचयी अभिलेख में प्रस्तुत किए जाने से मूल्यांकन में सरलता होती है।
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