समाजीकरण के अन्तर्गत परिवार की भूमिका का वर्णन कीजिए।

समाजीकरण के अन्तर्गत परिवार की भूमिका का वर्णन कीजिए।

उत्तर – समाजीकरण के अन्तर्गत परिवार की भूमिका – समाजीकरण के अन्तर्गत परिवार की भूमिका का वर्णन निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है—
(1) परिवार को गर्भावस्था में कभी भी भ्रूण का लिंग जानने या गर्भवती पर पुत्र जन्म को लेकर दबाव नहीं बनाना चाहिए।
(2) कुछ परिवार सिर्फ परम्परा और मान्यताओं का रोना रोते हुए पुत्र की जन्म की आस रखते हैं, जिससे भी लड़कियाँ उपेक्षित और असमान व्यवहार की शिकार हो जाती हैं।
(3) परिवार में लड़का हो या लड़की, दोनों को समान अधिकार तथा सभी प्रकार के उत्तरदायित्व प्रदान किये जाने चाहिए।
(4) परिवार में लिंगीय अपमानसूचक शब्दावली तथा व्यवहार का प्रयोग नहीं होना चाहिए अन्यथा बच्चे भी अनुकरण करेंगे।
(5) परिवार को चाहिए कि वह उपलब्ध संसाधनों में बिना किसी भेदभाव के लड़कियों और लड़कों के पोषण, खानपान, रहन-सहन, स्वास्थ्य और शिक्षा पर व्यय करें।
(6) परिवार को चाहिए कि वह बालिकाओं के विद्यालयीकरण तथा समाजीकरण को प्रोत्साहित करे ।
(7) प्रौढ़ शिक्षा में परिवार के लोगों को सहयोग प्रदान करना चाहिए और आगे बढ़कर इसे ग्रहण करना चाहिए जिससे व जागरूक हो सकें।
(8) परिवार को आपसी सहयोग के भाव का विकास करना चाहिए, इससे स्त्रियों की असमानता कम होगी।
(9) लिंगीय समानता के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रमों से जो भी लाभ जिस कार्य हेतु प्राप्त हो रहा है, परिवारजनों को चाहिए कि उसका उपयोग उसी कार्य के लिए किया जाये ।
(10) चुनौतीपूर्ण लिंग की समानता के लिए परिवार को बालिका शिक्षा और सुरक्षा के विषयों पर यथायोग्य सहायता प्रदान करनी चाहिए।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *