अधिगम के लिए आंकलन का क्या महत्त्व है ? क्षेत्र के आधार पर आंकलन का वर्गीकरण कीजिए ।

अधिगम के लिए आंकलन का क्या महत्त्व है ? क्षेत्र के आधार पर आंकलन का वर्गीकरण कीजिए ।

उत्तर—अधिगम के लिए आंकलन का महत्त्व– इसके लिए लघूत्तरात्मक प्रश्न संख्या 13 का उत्तर देखें ।
क्षेत्र के आधार पर आंकलन का वर्गीकरण—आंकलन शब्द का प्रयोग विस्तृत रूप में किया जाता है। आज मानव ने जितना विकास किया है उसके विकास के किसी न किसी स्तर पर आंकलन का प्रयोग अवश्य हुआ है चाहे वह मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक, औद्योगिक अथवा तकनीकी स्तर पर विकास हो।
इस प्रकार आंकलन एक विस्तृत क्षेत्र है। आंकलन के प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं—
(1) शैक्षिक उपलब्धियों का पता लगाने में – छात्रों की शैक्षिक उपलब्धियों को ज्ञात करने के लिए आंकलन का प्रयोग किया जाता है। शिक्षक छज्ञत्रों की पूर्व उपलब्धियों तथा शिक्षण के समय विभिन्न विधियों के माध्यम से उसका आंकलन कर उसके अधिगम स्तर को ज्ञात करता है तत्पश्चात् प्राप्त सूचनाओं के आधार पर छात्रों को अधिगम प्रदान करता है। छात्रों के अतिरिक्त आंकलन का प्रयोग शिक्षकों की उपलब्धियों को ज्ञात करने हेतु भी किया जाता है। इस प्रकार आंकलन का उद्देश्य छात्रों एवं शिक्षकों के ज्ञान एवं कौशल का पता लगाना है ।
( 2 ) स्थान निर्धारित करने में – आंकलन का प्रयोग किसी संस्था एवं छात्र का स्थान निर्धारित करने के लिए भी किया जाता है। आंकलन का प्रयोग विभिन्न संस्थाओं का जिला स्तर, राज्य एवं राष्ट्र स्तर पर स्थान निर्धारित करने के लिए किया जाता है। आंकलन के द्वारा यह ज्ञात किया जाता है कि वह संस्थान या छात्र निर्धारित मानकों या उद्देश्यों की पूर्ति कर रहे हैं. अथवा नहीं उसके पश्चात् ज्ञात सूचनाओं के आधार पर उन्हें विभिन्न ग्रेड प्रदान किए जाते हैं।
( 3 ) गुणवत्ता का निर्धारण करने मे –  गुणवत्ता आंकलन जैसा कि नाम से स्पष्ट है इसका अर्थ है किसी व्यावसायिक व शैक्षिक संस्थान या व्यक्ति के प्रदर्शन की गुणवत्ताओं का आंकलन करना जो सेवाएँ वह उपलब्ध करवा रहे है। आंकलन का प्रयोग किसी उद्योग, विद्यालय, शिक्षक व डॉक्टर आदि किसी की भी गुणवत्ता की जाँच करने हेतु किया जा सकता है ।
(4) वैयक्तिक विभिन्नता ज्ञात करने में – एक कक्षा कक्ष में विभिन्न वैयक्तिक भिन्नता वाले छात्र उपस्थित होते हैं। अतः शिक्षक का कर्त्तव्य होता है कि वह प्रत्येक छात्र की व्यक्तिगत भिन्नता की पहचान कर उसे उचित विधि के माध्यम से अधिगम प्रदान करें। इसके लिए शिक्षक कक्षा में अनेक क्रियाओं एवं गतिविधियों को आयोजित करके माध्यम से उसकी रुचि, क्षमता एवं योग्यता जानने का प्रयत्न करता है ।
( 5 ) पूर्वानुमान लगाने हेतु – पूर्वानुमान लगाने के लिए भी आंकलन का प्रयोग किया जाता है। किसी भी वस्तु या परिस्थिति का आंकलन करने के पश्चात् उससे सम्बन्धी पूर्वानुमान या पूर्वाग्रह का निर्माण किया जाता है। जैसे—मौसम विभाग पूर्व तथा वर्तमान के मौसम का आंकलन करने के पश्चात् ही आगे के मौसम के सम्बन्ध में भविष्यवाणी करते हैं। ठीक इसी प्रकार एक डॉक्टर अपने मरीज के बताए लक्षणों के आधार पर आंकलन करके उसकी बीमारी का पूर्वानुमान लगाकर ही उसका उपचार प्रारम्भ करता है।
( 6 ) अनुसंधान करने में – किसी भी वस्तु पर अनुसंधान तभी प्रारम्भ किया जा सकता है, जब उसके बारे में कुछ जानकारी उपलब्ध हो। उस वस्तु के बारे में आँकड़े एकत्रित करने के लिए भी हम आंकलन का प्रयोग कर सकते हैं। यदि हमें प्राचीन संस्कृति पर अनुसंधान कार्य करना है तो इसके लिए हमें विभिन्न ग्रन्थों, पुस्तकों, स्थानों आदि से प्राप्त जानकारियों का आंकलन करने के पश्चात् ही उस विषय पर अनुसंधान कार्य प्रारम्भ कर सकते हैं।
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