अवबोध की अवधारणा की व्याख्या कीजिए।
अवबोध की अवधारणा की व्याख्या कीजिए।
उत्तर–अवबोध एवं चिन्तन प्राप्त ज्ञान के प्रति लचीले ढंग से प्रदर्शन करने की योग्यता है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि अवबोध एक विषय की समझ के प्रति लचीला प्रदर्शन की क्षमता से है। इसमें लचीलेपन पर जोर दिया गया है। छात्र अधिगम को उचित प्रकार से सीखते हैं एवं आवश्यकतानुसार लचीले ढंग से प्रस्तुत करते हैं जिससे तथ्यात्मक एवं अवधारणात्मक ज्ञान सभी को समझ में आ जाए। जैसेछात्र को गति के समीकरणों की जानकारी दी जाती है, अब यदि वह न सिर्फ समीकरणों के बारे में बता पाये बल्कि आपस में अंतःसंबंध कर सके, दैनिक जीवन में उसका उपयोग बता सके तो यह कहा जाता है कि छात्र में समझ विकसित हो रही है। इससे स्पष्ट है कि अवबोध ज्ञान से तुलनात्मक रूप से अधिक जटिल या सूक्ष्म है।
इस प्रकार अवबोध की मुख्य विशेषतायें निम्न हैं
(i)विशेष विषय या स्थिति को ज्ञान एवं योग्यता के आधार पर मापन करना।
(ii) एक अनौपचारिक अनुबन्धन (विभिन्न विषयों में) ।
(iii) लोगों के व्यवहार को जानना।
(iv) तथ्यात्मक ज्ञान को अवधारणात्मक समझ में परिवर्तित करना ।
(v) ज्ञान के विभिन्न अवयवों में अन्तर्सम्बन्ध स्थापित करना ।
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