असमर्थता क्या है ? इसके प्रकारों का वर्णन करें।

असमर्थता क्या है ? इसके प्रकारों का वर्णन करें।

अथवा
असमर्थता क्या है ? असमर्थता और अपंगता में अन्तर लिखिये।
उत्तर — असमर्थता (Disability)– किसी भी कार्य को करने के लिए कुछ सामान्य और कुछ विशेष योग्यताओं या क्षमताओं की आवश्यकता होती है। जब कोई व्यक्ति या बालक किसी कार्य को शारीरिक या मानसिक रूप से करने में असमर्थ होता है तो उसे हम असमर्थता कहते हैं। उदाहरण के लिए शिक्षा ग्रहण करने के लिए बालक को सभी ज्ञानेन्द्रियों का कार्य करना तथा बुद्धि-लब्धि का होना आवश्यश्क है। यदि किसी बालक का बौद्धिक स्तर निम्न है या वह गूंगा या बहरा है तो उसे हम असमर्थ कहते हैं। असमर्थता दो प्रकार की होती है
( 1 ) मानसिक असमर्थता (Mental Disability) मानसिक असमर्थता को दो भागों में बाँटा जा सकता हैं—
(i) अधिगम असमर्थ (Learning Disabled) इस श्रेणी में वह बालक आते हैं जो पाठ्यक्रम को समझने, लिखने तथा सामाजिक निपुणताओं को अच्छी तरह से समझने में असमर्थ होते हैं। वे देखने में सामान्य बालक नजर आते हैं लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में जैसे लिखना, पढ़ना, सुनना व वार्तालाप करने में अपने आपको असमर्थ पाते हैं।
(ii) मंद-बुद्धि (Mentally Retarded) — मंद बुद्धि बालक वह होते हैं जिनकी बुद्धि-लब्धि सामान्य बालकों से कम होती है यानि उनकी बुद्धि-लब्धि 90 से कम होती है। इस प्रकार के बालकों को हम मानसिक विकलांग (mentally handicapped) या मानसिक मन्दन (mentally retarded) भी कहते हैं ।
( 2 ) शारीरिक असमर्थता (Physically Disability)—शारीरिक असमर्थता को निम्नलिखित भागों में बाँट सकता है—
(i) शारीरिक असमर्थता (Physical Disability) — कुछ ऐसे बालक भी होते हैं जो विद्यालय जाने में शारीरिक रूप से असमर्थ होते हैं। उनको विद्यालय जाने के लिए किसी सहारे की आवश्यकता होती है। अर्थात् वे शिक्षा प्राप्त करने के लिए अकेले विद्यालय में नहीं जा सकते । समाज में इन बालकों को हेय दृष्टि से देखा जाता है । शिक्षा के प्रचारप्रसार व सामाजिक चेतना के कारण अब लोग इन बालकों को शिक्षा देने तथा इनको मुख्य धारा में लाने के लिए प्रयासरत् है।
(ii) वाणी असमर्थता (Speech Disability) — हम अपने विचारों को दूसरे के सामने बोलकर प्रस्तुत करते हैं। अगर बोलने वाला अपने विचारों को दूसरे के सामने उचित व साफ ढंग से नहीं कह पाता है तो उसके बोलने के ढंग में कुछ कमी है। अर्थात् उसमें वाणी सम्बन्धी दोष है। हम लिखने से ज्यादा बोलते हैं। अतः हमारा उच्चारण स्पष्ट व साफ होना चाहिए। वाणी असमर्थ बालक को कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। वह असमर्थता जन्मजात या जन्म के पश्चात् चोट, दुर्घटना, बीमारी आदि के कारण भी हो सकती है ।
(iii) श्रवण असमर्थता (Hearing Disability) — समाज में सुनने की समस्या से काफी लोग ग्रस्त होते हैं। स्कूलों में जाने वाले बच्चों में काफी संख्या उन बच्चों की होती है जो या तो पूर्णत: बहरे हैं या जिनको ऊँचा सुनाई देता है अर्थात् वह सामान्य आवाज को सुनने में असमर्थ हैं। यह असमर्थता जन्मजात या जन्म के पश्चात् चोट, दुर्घटना, बीमारी आदि के कारण हो सकती है।
(iv) दृष्टि असमर्थता (Visual Disability) — कुछ बालक जन्म से ही दृष्टि-विहीन होते हैं तथा बालक चोट, दुर्घटना, बीमारी या गलत दवाई के प्रयोग से पूर्ण रूप से या आंशिक अन्धे हो जाते हैं। दृष्टिअसमर्थ बालक मानसिक, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक दबाव में रहते हैं तथा जीवनयापन करना उनके लिए काफी दुष्कर हो जाता है।
असमर्थता और अपंगता (विकलांगता) में अन्तर—निम्न हैं—
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