आकांक्षा की प्रकृति को लिखिये।
आकांक्षा की प्रकृति को लिखिये।
उत्तर— आकांक्षा की प्रकृति-आकांक्षा की प्रकृति को निम्नलिखित प्रकार से वर्णित किया जा सकता है—
(1) आकांक्षा को मूल्य की पूर्व अवस्था कहा जा सकता है।
(2) कार्यरूप में आने से पूर्व व्यवहार सिद्धान्त रूप में छिपा रहता है।
(3) समाज की स्वीकृति प्राप्त होने पर आकांक्षाएँ मूल्यों का स्वरूप ले लेती है।
(4) ये सर्वमान्य होने पर ही मूल्यों के रूप में स्वीकार की जाती है।
(5) सोरेन्सन के अनुसार- .” आकांक्षा व्यक्ति के लक्ष्यों का s निर्धारण करने वाली प्रेरणा शक्ति है।”
(6) उच्च आदर्श के रूप में होती है जहाँ तक हम पहुँचना चाहते हैं।
(7) आकांक्षाएँ शैक्षिक, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनैतिक आर्थिक होती हैं।
(8) इन मूल्यों को पूरा किए बिना प्राप्त करना असम्भव है। इसके अभाव में ये सिद्धान्त रूप में ही रहती हैं।
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