आय के चक्रीय प्रवाह से आप क्या समझते हैं ? विस्तारपूर्वक समझावें।
आय के चक्रीय प्रवाह से आप क्या समझते हैं ? विस्तारपूर्वक समझावें।
उत्तर-आय का वह प्रवाह जिसका सृजन उत्पादक क्रियाओं द्वारा होता है। यद्यपि सभी प्रकार के आर्थिक क्रियाओं का अंतिम उद्देश्य उपभोग द्वारा मानवीय आवश्यकताओं की संतुष्टि है, लेकिन उत्पादन के बिना उपभोग संभव नहीं है। वस्तओं एवं सेवाओं का उत्पादन चार साधनों क्रमशः श्रम, पूँजी, भूमि तथा उद्यम के सहयोग से प्राप्त होता है। यदि हम किसी देश की अर्थव्यवस्था को उत्पादक उद्योगों एवं उपभोक्ता परिवारों को दो क्षेत्रों में विभक्त कर दें तो हम देखते हैं कि इनके मध्य उत्पादन, आय एवं व्यय का निरंतर प्रवाह चल रहा है। उत्पादक उद्योगों से आय का प्रवाह साधनों के भुगतान के रूप में परिवार के पास जाता है और फिर यह परिवार से उत्पादक उद्योगों में चला आता है। आय का यह प्रवाह जो निरंतर जारी रहता है उसे आय का चक्रीय प्रवाह कहते हैं।