औद्योगिकीकरण के परिणामस्वरूप होने वाले परिवर्तनों पर प्रकाश डालें।
औद्योगिकीकरण के परिणामस्वरूप होने वाले परिवर्तनों पर प्रकाश डालें।
उत्तर ⇒ औद्योगिकीकरण के प्रभाव से यहाँ के आर्थिक एवं सामाजिक जीवन में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुए। ये परिवर्तन निम्नलिखित हैं
(i) साम्राज्य-राष्ट्रवाद का विकास – औद्योगिकीकरण के कारण भारी मात्रा में कच्चे माल तथा उत्पादों की खपत हेतु बाजार की आवश्यकता थी। उपनिवेशों में ये दोनों ही उपलब्ध थे। उपनिवेशों की होड़ ने साम्राज्यवाद को जन्म दिया।
(ii) कुटीर उद्योगों का पतन – बड़े-बड़े कारखानों की स्थापना से प्राचीन लघु एवं कुटीर उद्योग का पतन हो गया। कुटीर उद्योग में तैयार माल महंगा तथा कारखाने में उत्पादित सामान सस्ता था। नतीजा यह हुआ कि कुटीर उद्योग समाप्त होने लगे क्योंकि बाजार में इसकी माँग घट गयी थी।
(iii) समाज में वर्ग विभाजन – औद्योगिकीकरण के फलस्वरूप समाज म तीन वर्गों का उदय हुआ.पूँजीपति, बुर्जुआ तथा मजदूर वर्ग।
(iv) स्लम पद्धति की शुरुआत – औद्योगिकीकरण के परिणामस्वरूप नवोदित फैक्ट्री मजदूर वर्ग शहर में छोटे-छोटे घरों में रहने लगे। जहाँ किसी प्रकार की सुविधा नहीं थी। इस प्रकार स्लम पद्धति की शुरुआत हुई।
(v) उद्योगों का विकास –औद्योगिकीकरण के कारण भारत में कारखानों की स्थापना एवं नये-नये यंत्रों का आविष्कार हुआ। विभिन्न उद्योगों से संबद्ध कारखाने खुले और उद्योगों का बड़े स्तर पर विकास हुआ। लोहा एवं इस्पात, कोयला, सीमेंट, चीनी, कागज, शीशा और अन्य उद्योग स्थापित हुए जिनमें बड़े स्तर’ पर उत्पादन हुआ।