‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ के आधार पर दान की महिमा का वर्णन करें।

‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ के आधार पर दान की महिमा का वर्णन करें।

उत्तर⇒ कर्ण जब कवच और कुंडल इन्द्र को देने लगते हैं तब शल्य उन्हें रोकते हैं । इसपर कर्ण दान की महिमा बतलाते हुए कहते हैं कि समय के परिवर्तन से शिक्षा नष्ट हो जाता है। बड़े-बड़े वृक्ष उखड़ जाते हैं, जलाशय सूख जाते हैं, परंतु दिया गया दान सदैव स्थिर रहते हैं, अर्थात दान कदापि नष्ट नहीं होता है।

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