चिंतनशील अनुशासन पर टिप्पणी लिखिये |

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उत्तर – चिंतनशील अनुशासन — यह व्यवस्थित रूप से वस्तु के बारे में जानने व उससे सम्बन्धित खोज करने का प्रयत्न करता है। इस अनुशासन का सम्बन्ध वस्तु की वास्तविकता तथा उसकी अमूर्त चिंतनशीलता से होता है। अर्थात् यह अनुशासन पूर्णता, क्रम व अनुभवों के मध्य श्रृंखला को खोजने में रुचि रखता है। कई दर्शनशास्त्री ब्रह्माण्ड रचना के रहस्य को जानना चाहते थे फलतः उन्होंने पूर्णतः चिंतनशीलता का उपयोग किया। चिंतनशील अनुशासन दो भागों में बाँटा जा सकता है— तत्त्व मीमांसा और ज्ञान मीमांसा |
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