चिन्तनशील अभ्यास की सीमाएँ लिखिए।

चिन्तनशील अभ्यास की सीमाएँ लिखिए।

उत्तर— चिन्तनशील अभ्यास की सीमाएँ-चिन्तनशील अभ्यास की सीमाएँ निम्नलिखित हैं—
(1) समस्त शिक्षक चिन्तनशील अभ्यास की प्रक्रिया को नहीं समझ सकते।
(2) कतिपय शिक्षकों को यह क्रिया असहन तथा चुनौतीपूर्ण लग सकती है।
(3) इसमें समयावधि अधिक लगती है।
(4) असामन्जस्य की स्थिति उत्पन्न हो सकती है कि किसी को सीखने के लिए क्या आधार बनाया जाए।
(5) सम्भवतः वह नैदानिक परीक्षण के लिए पर्याप्त नहीं है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *