चुनौतीपूर्ण लिंग की शिक्षा द्वारा किस प्रकार उपादेयता है—

चुनौतीपूर्ण लिंग की शिक्षा द्वारा किस प्रकार उपादेयता है—

उत्तर— शिक्षा में आत्मसात् कर शिक्षा को चुनौतीपूर्ण लिंगों के प्रति और भी उपादेय बनाया जा सकता है —
(i) व्यावसायिक शिक्षा |
(ii) जीवन-दक्षता तथा कौशल विकास ।
(iii) जीवनोपयोगी तथा व्यावहारिक शिक्षा ।
(iv) पृथक्-पृथक् रुचियों तथा आवश्यकतानुरूप शिक्षा।
(v) शिक्षा प्रदान करने हेतु पूर्णकालिक तथा अंशकालिक पाठ्यक्रमों की व्यवस्था ।
(vi) चुनौतीपूर्ण लिंगों को शिक्षा की ओर प्रेरित करने के लिए व्यक्तिगत निर्देशन तथा परामर्श प्रदान करना ।
(vii) विद्यालय तक आने-जाने के लिए आवागमन सुविधा और सुरक्षा की सुनिश्चितता।
(viii) महिला अध्यापिकाओं की नियुक्ति ।
(ix) अनौपचारिक शिक्षा का प्रबन्ध जिससे कामकाजी तथा घरेलू कार्यों में संलग्न महिलायें भी शिक्षा प्राप्त कर सकें।
(x) इनकी शिक्षा को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु छात्रवृत्ति, निःशुल्क शिक्षा, छात्रावास इत्यादि की व्यवस्था करना ।
(xi )समुचित पाठ्यक्रम तथा शिक्षण विधियाँ ।
(xii) विद्यालयों में अभेदपूर्ण लिंगीय व्यवहार |
इस प्रकार इन बिन्दुओं का समावेश करने से चुनौतीपूर्ण लिंग हेतु शिक्षा और भी अधिक उपयोगी तथा महत्त्वपूर्ण हो जायेगी ।
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