“छात्रों के पृष्ठपोषण” से आप क्या समझते हैं ? छात्रों को पृष्ठपोषण देने के कोई पांच प्रभावी तरीके लिखिये |

“छात्रों के पृष्ठपोषण” से आप क्या समझते हैं ? छात्रों को पृष्ठपोषण देने के कोई पांच प्रभावी तरीके लिखिये |

उत्तर— छात्रों की पृष्ठपोषण (Feedback to Students)पृष्ठपोषण छात्रों को प्रदान की जाने वाली वह जानकारी/सूचना है जिसकी सहायता से छात्र अपने कार्य की वर्तमान स्थिति एवं जहाँ उन्हें होता चाहिए के मध्य अन्तर को समाप्त कर सकते हैं। पृष्ठपोषण प्रदान करने का लक्ष्य है छात्रों में अन्तर्दृष्टि का विकास करना ताकि वे अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकें। छात्रों को प्रभावशाली पृष्ठपोषण प्रदान करने हेतु शिक्षकों को निम्नलिखित दो चरणों को अपनाना चाहिए—
(1) छात्रों को उनके प्रदर्शन के वर्तमान स्तर के बारे में बताना।
(2) उन्हें यह बताना कि वे अपने प्रदर्शन में सुधार हेतु क्या कर सकते हैं।
Feedback = How did your Student do ? How could do Better ? छात्रों को पृष्ठपोषण देते समय उपर्युक्त चरणों को ध्यान में रखना चाहिए। पृष्ठपोषण उन्हें यह बताता है कि वे कैसा कर रहे हैं और कैसे वे सुधार कर सकते हैं।
छात्रों को पृष्ठपोषण देने के प्रभावी तरीके (Effective Ways for Providing Feedback to Students)—छात्रों को पृष्ठपोषण देने के कई प्रभावी तरीके हैं। जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं—
(1) छात्रों को प्रदान किया जाने वाला पृष्ठपोषण शिक्षाप्रद प्रकृति का होना चाहिए अर्थात् उन्हें इसके माध्यम से यह ज्ञात हो सके कि उन्होंने क्या सही किया है और क्या गलत ।
(2) छात्रों को पृष्ठपोषण एक निश्चित अन्तराल पर दिया जाना चाहिए।
(3) छात्रों को पृष्ठपोषण प्रदान करते समय उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए क्योंकि कुछ छात्र पृष्ठपोषण प्रदान करने पर वे उपलब्धि के उच्चतम स्तर को प्राप्त कर लेते हैं। लेकिन कुछ छात्रों को धोरे से या सौम्यता के साथ नियन्त्रित पृष्ठपोषण प्रदान करना चाहिए ताकि वे अधिगम के प्रति हतोत्साहित न हो जाएँ।
(4) शिक्षकों को छात्रों की गतिविधियों, सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों, परीक्षण प्राप्तांकों आदि का विवरण रखना चाहिए, जिससे उन्हें छात्रों को पृष्ठपोषण प्रदान करने में सुविधा रहे ।
(5) छात्रों को उनके परीक्षण पेपर या कमेन्ट कार्ड को कक्षा प्रारम्भ होते ही छात्रों को दे देना चाहिए ताकि छात्र अपनी गलतियों से सम्बन्धित प्रश्न पूछ सकें ।
(6) छात्रों की वास्तविक प्रशंसा करनी चाहिए क्योंकि छात्र बहुत जल्दी समझ जाते हैं कि कौन सा शिक्षक अर्थपूर्ण प्रशंसा कर रहा और कौन नहीं । एक शिक्षक यदि प्रत्येक कार्य के लिए एक ही प्रशंसात्मक शब्द का प्रयोग करता है तो कुछ समय बाद वह शब्द छात्रों के लिए अर्थहीन हो जाता है। अत: जब आवश्यकता हो तभी उचित प्रशंसात्मक शब्दों का प्रयोग करना चाहिए |
(7) छात्रों को शिक्षकों को भी पृष्ठपोषण प्रदान करने हेतु आमंत्रित करना चाहिए।
(8) छात्रों को दिया जाने वाला पृष्ठपोषण कौशल एवं विशेष ज्ञान से सन्दर्भित होना चाहिए।
(9) पृष्ठपोषण छात्रों को उपलब्धि हेतु लक्ष्य निर्धारित करने में सहायक होना चाहिए।
(10) छात्रों को पृष्ठपोषण मौखिक/शाब्दिक अशाब्दिक या लिखित रूप में दिया जा सकता है।
(11) शिक्षक को छात्रों को पृष्ठपोषण देते समय उसकी एकएक योग्यता पर ध्यान केन्द्रित कर पृष्ठपोषण प्रदान करना चाहिए।
(12) शिक्षक को छात्रों को पृष्ठपोषण देने से पहले एक बार अपने सहयोगी अध्यापकों एवं प्रधानाध्यापकों से भी विचार-विमर्श कर लेना चाहिए।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *