छात्र प्रस्तुतीकरण की विशेषताएँ एवं लाभ बताइये ।
छात्र प्रस्तुतीकरण की विशेषताएँ एवं लाभ बताइये ।
उत्तर – छात्र प्रस्तुतीकरण की विशेषताएँ—छात्र प्रस्तुति की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं—
(1) पावर प्वाइन्ट की विषयवस्तु बस एक क्लिक के साथ हमारी *सम्पूर्ण प्रस्तुति की दिखावट और अनुभव को परिवर्तित करने के लिए सक्षम है। हमारी प्रस्तुति की विषय-वस्तु में केवल पृष्ठभूमि के रंग में ही परिवर्तन नहीं होता है बल्कि हमारी प्रस्तुति के डायग्राम मेज चार्ट और यहाँ तक कि बुलेट प्वाइन्ट के स्टाइल के रंग में भी परिवर्तन होता है। प्रभावशाली तरीके के नए उपकरणों और प्रभावों के माध्यम से आकृतियों को शब्द रचना और रेखाचित्रों में परिवर्तित किया जा सकता है।
(2) हम विषय वस्तु को एक प्रस्तुति से दूसरी में उपयोग पुन: कर सकते हैं। इसकी सहायता से हम अपनी स्वयं की सूचनाओं का एक पुस्तकालय भी बनाकर सुरक्षित रख सकते हैं। इसकी सहायता से सुरक्षित किए गए आँकड़ों के द्वारा अपनी सूचनाओं को विश्व भर में कहीं पर भी प्रस्तुत कर सकते हैं। साथ ही अपने सहपाठियों एवं शिक्षकों के साथ साझा भी कर सकते हैं। )
(3) हम आसानी से इसके अन्तर्गत पेशेवर और गतिशील सम्बन्ध, कार्य प्रवाह या क्रमानुगत आकृति, शब्द रचना आदि बता सकते हैं। यहाँ तक कि हम एक बुलेटेड सूत्री को एक आकृति में परिवर्तित या वर्तमान आकृति को संशोधित और अद्यतन कर सकते हैं। यह उपयोगकर्ताओं के लिए प्रयोगकर्ता प्रासंगिक कला उपकरण के माध्यम से समृद्ध चित्र विकल्पों का लाभ लेने के लिए आसान होता है ।
(4) हम पत्रावली की अखण्डता को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए भी इसका प्रयोग कर सकते हैं। ये सुविधाएँ हमें यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि हमारे सम्बन्ध हमारे द्वारा नियत तरीके से ही संशोधित या साझा किए जा सकते हैं।
इसके प्रयोग से क्षतिग्रस्त पत्रावलियों के लिए रिकवरी में सुधार की पेशकश करते हुए पत्रावली के आकार में प्रभावशाली कमी प्राप्त करी जा सकती है। यह नए प्रकार के आँकड़ों को सुरक्षित रखने वाला उपकरण है। इससे काम का बोझ कम होता है, साथ ही आँकड़े सुरक्षित रखने में भी यह हमारी मदद करता है।
लाभ–छात्र प्रस्तुतीकरण के लाभ निम्न हैं—
(1) छात्र विषय से सम्बन्धित खोज चित्र, आलेख, चार्ट आदि की खोज करते हैं। छात्र अपनी प्रस्तुती का रंगीन, सरल तथा त्वरित बना सकते हैं।
(2) शिक्षक तथा अन्य सहपाठियों द्वारा प्रोत्साहन प्राप्त करने में सहायक होता है।
(3) आधुनिक तकनीकी से जोड़े रखता है। छात्रों में विषय पढ़ने का उत्साह जागरूक करता है।
(4) आंकलन तथा छात्र के ज्ञान की स्थितिका पता करने में सहायक होता है।
(5) छात्रों में वैज्ञानिक प्रवृत्ति का विकास होता है। आत्म विश्वास तथा मनोबल में वृद्धि होती है। अपनी बात को समझ पाने में छात्र सक्षम होते हैं ।
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