जाति की राजनीति पर होने वाले प्रभावों की चर्चा करें।
जाति की राजनीति पर होने वाले प्रभावों की चर्चा करें।
उत्तर- लोकतांत्रिक व्यवस्था में जाति की भूमिका सदैव ही महत्त्वपूर्ण रही हैं। निर्वाचन की राजनीति में जाति की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय सामाजिक समस्याओं में जातिवाद की समस्या सबसे प्रमुख है। आज संपूर्ण राष्ट्र जातिवाद का शिकार बना हुआ है। विभिन्न प्रकार से इन जातियों का राजनीति पर प्रभाव देखने को मिलता है
(i) राजनीतिक दल अपने-अपने जाति आधारित वोट बैंकों का ख्याल रखते हुए उम्मीदवारों का चयन करते हैं।
(ii) सरकार बनाने के समय भी सत्तारूढ़ दल अपने प्रान्त या राष्ट के जाति आधारित प्रतिनिधित्व का पूरा ख्याल रखते हैं।
(iii) पिछड़ी जातियों का लगातार राजनीति में रुचि बढ़ती जा रही है, क्योंकि का मानना है कि बिना सत्ता हासिल किए उनका कल्याण संभव नहीं।
(iv) राजनीतिक दल भी चुनावों के समय जाति आधारित भावनामा
उकसाने का प्रयास करते रहते हैं। जिनसे उनके पार्टी की ओर ज्यादा से ज्यादा लोगों का ध्यान आकर्षित हो और अधिक से अधिक वाटा का प्राप्ति हो सके।
(v) जाति के भीतर ही राजनीति शरू हो गई है। अब एक ही जाति के भीतर अलग-अलग सदस्यों के बीच मतभेद प्रारंभ हो गया है। अब सत्ता की प्राप्ति मुख्य लक्ष्य बन गया है। सत्ता प्राप्ति के प्रश्न पर सवर्ण और दलितों के मध्य भी क्षणमात्र में मित्रता हो जाती है।