जेण्डर सशक्तिकरण से आप क्या समझते हैं ?

जेण्डर सशक्तिकरण से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- जेण्डर सशक्तिकरण- भारतीय संविधान के 73वें संशोधन के अनुसार स्त्रियों को पंचायती राज ने नई शक्ति दी है। यह नई शक्ति परम्परागत पितृसत्तात्मक शक्ति के विरोध में है। इस व्यवस्था में परिवार की समस्त शक्ति परिवार के मुखिया के पास ही रहती है। नारीवादी विचारकों का कहना है कि जब तक महिलाओं के पास शक्ति न होगी वे किसी भी निर्णय प्रक्रिया में भागीदार नहीं हो सकती है। जेण्डर को समान अधिकार प्राप्त करने के लिए सशक्तिकरण ही एक महत्त्वपूर्ण साधन है। यदि महिलाओं के पास पंचायत स्तर पर शक्ति आ जाती है तो परिवार व समाज में उनका सम्मान होने लगता है।
 सशक्तिकरण एक केन्द्रीय अवधारणा है। इसे राज्य तथा केन्द्र दोनों स्तरों पर लागू किया गया है। आजकल विकासवादी सोचते हैं कि जब तक स्त्रियों के हाथ में सत्ता नहीं आती वे किसी भी प्रकार के निर्णय में भागीदारी नहीं कर सकती। इसके लिए महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए तथा पंचायत, विधानसभा तथा लोकसभा आदि के चुनावों में भाग लेना चाहिए, परन्तु परिवार की एकता, मर्यादा का ध्यान भी महत्त्वपूर्ण है। महिलाओं के विकास के लिए सरकार ने अनेक योजनाएँ बना रखी है। जिनके उपयोग से महिलाएँ अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बन रही है।
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