धर्म किस प्रकार से पक्षपात (पूर्वाग्रह ) में वृद्धि करता है ?

 धर्म किस प्रकार से पक्षपात (पूर्वाग्रह ) में वृद्धि करता है ? 

उत्तर—  समग्र संसार में केवल भारत ही ऐसा देश है जहाँ विविध धर्मों के बहुत से लोग हैं। साधारण भारतीय का दैनिक जीवन उसके धार्मिक समूह के आदर्शों द्वारा नियन्त्रित होता है। सभी धार्मिक समूह भारतीय समाज के सामाजिक जीवन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये धार्मिक समूह विभिन्न धर्मों का पालन करने वाले सभी लोगों में भाईचारे की भावना को विकसित करते हैं ।
लोगों में सहयोग की भावना होती है एवं वे एक-दूसरे के साथ सहानुभूति तथा सहनशीलता दिखाते हैं। विभिन्न धर्मों के लोग विभिन्न सम्प्रदायों के उत्सवों, समारोहों तथा त्योहारों में भाग लेते हैं जो भावात्मक एकीकरण में योगदान देते हैं। कई बार किसी कारण से धार्मिक कट्टरपन एवं साम्प्रदायिकता को बढ़ावा मिलता है, जिससे प्रेम भाईचारा, एवं मैत्री भाव बिगड़ जाता है जिससे साम्प्रदायिक दंगे, वर्ग सम्बन्धी संघर्ष झगड़े उत्पन्न होते हैं। धार्मिक पूर्वाग्रह के कारण सामाजिक परिवर्तन मुश्किल हो जाता है।
इस तरह धार्मिक पूर्वाग्रह राष्ट्रीय एकता में अवरोधक तत्त्व रहा है । हिन्दू मुस्लिम संघर्ष, असमी एवं बंगालियों का संघर्ष आदि इसके उदाहरण रहे हैं। विभिन्न धर्मावलम्बी अपने-अपने हितों के कारण संघर्षरत रहे हैं। धार्मिक पूर्वाग्रहों ने विभिन्न धर्मावलम्बियों के बीच फूट, तनाव और मतभेद पैदा किए जिससे राष्ट्रीय एकता को धक्का लगा है।
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