नगर निगम की व्यवस्था किस प्रकार के शहरों में की जाती है ? इसके प्रमुख अंगों की चर्चा करें।
नगर निगम की व्यवस्था किस प्रकार के शहरों में की जाती है ? इसके प्रमुख अंगों की चर्चा करें।
उत्तर- जिस शहर की जनसंख्या तीन लाख अथवा उससे अधिक होती है वैसे शहरो मे नगर निगम की व्यवस्था की जाती है। ये राज्यों में नगरों की स्थानीय शासन-व्यवस्था देखते हैं। पटना नगर निगम इसका उदाहरण है। नगर निगम के प्रमुख अंग इस प्रकार से हैं
(i) निगम परिषद- इसका निर्माण नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्ड के कौंसिलरों के द्वारा होता है, जिनका कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है। इसमें सदस्यों के बीच से एक महापौर तथा एक उपमहापौर का चयन किया जाता है। महापौर नगर का प्रथम नागरिक माना जाता है। महापौर की अनुपस्थिति में नगर परिषद का कार्य उपमहापौर के द्वारा सम्पन्न किया जाता है।
(ii) सशक्त स्थानीय समिति- यह नगर निगम का दूसरा सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है। इसकी अध्यक्षता महापौर के द्वारा की जाती है। यह कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति करने के अलावे नगर आयुक्त पर भी निगरानी रखती है।
(iii) परामर्शदात्री समितियाँ- ये समितियाँ शिक्षा, बाजार, उद्यान समिति इत्यादि में बँटी होती हैं जो अपने-अपने विषयों पर नगर निगम को सलाह देती हैं।
(iv) नगर आयुक्त- इसकी नियक्ति सरकार स्वयं करती है। ये भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई०ए०एस०) पदाधिकारी होते हैं। यह नगर निगम के मुख्य प्रशासक होते हैं। यह निगम के सभी कर्मचारियों के कार्यों की देखभाल करते हैं।