परिवर्तन के एक कारक के रूप में शिक्षक पर टिप्पणी लिखिए।
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उत्तर–परिवर्तन के एक कारक के रूप में शिक्षक परिवर्तन के शैक्षिक कारक में शिक्षक का स्थान महत्त्वपूर्ण है। शिक्षक परिवर्तन में अपनी भूमिका शिक्षण विधियों, पाठ्यक्रम, शिक्षण उद्देश्यों तथा पाठ्यसहगामी क्रियाओं आदि के द्वारा सम्पन्न करता है। शिक्षक परिवर्तन अभिकर्ता के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन निम्नलिखित प्रकार करता है—
(1) शिक्षक अपने प्रभावी व्यक्तित्व तथा उदारतापूर्णता के द्वारा परिवर्तन लाता है।
(2) शिक्षक पाठ्यक्रम के विषयों और प्रकरणों को समुचित तथा सन्तुलित ढंग से प्रस्तुत करके शिक्षार्थियों के मनोमस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालता है, जिससे परिवर्तन आता
(3) शिक्षक का धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण परिवर्तन में सहायक बनता है।
(4) शिक्षक समाज और विद्यालय के मध्य सम्बन्ध स्थापित कर परिवर्तन का साधन बनता है।
(5) शिक्षक को विश्व शान्ति हेतु तत्पर होना चाहिए, जिससे वैश्विक स्तर पर परिवर्तन आयेगा। –
(6) शिक्षक लिंग, धर्म, जाति, ऊँच-नीच, गरीब-अमीर इत्यादि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता है जिसके कारण धीरे-धीरे इन विषयों के प्रति सकारात्मक सन्देश और परिवर्तन आता है।
(7) शिक्षक पाठ्य सहगामी क्रियाओं के आयोजन द्वारा सामाजिक कुरीतियों, समसामयिक मुद्दों आदि पर कार्यक्रमों का आयोजन करके परिवर्तन लाने का कार्य करते हैं।
(8) शिक्षक को ज्ञान का जिज्ञासु, नवीन ज्ञान को आत्मसात् करने, शिक्षार्थियों में जिज्ञासा उत्पन्न करने, सामाजिक सहयोग की प्राप्ति द्वारा परिवर्तन में योगदान दिया जाता है।
(9) शिक्षक विज्ञान तथा तकनीकी के प्रयोग द्वारा परिवर्तन लाने का कार्य सम्पन्न करते हैं।
(11) शिक्षक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय पर्वो, त्योहारों, दिवसों का आयोजन करके परिवर्तन लाने में सहायता करते हैं।
(12) शिक्षक को बाल मनोविज्ञान का ज्ञाता होना चाहिए। इस प्रकार वह परिवर्तन की आधारशिला रखेगा।
(13) शिक्षक को बालकेन्द्रित दृष्टिकोण से परिपूर्ण तथा व्यक्तिगत निर्देशन एवं परामर्श का ज्ञाता होना चाहिए।
(14) शिक्षक को अपने देश की संस्कृति के साथ-साथ अन्य देशों की संस्कृति के प्रति उदार होना चाहिए, जिससे सांस्कृतिक परिवर्तन में सहायता प्राप्त होगी।
(15) गतिशील तथा क्रिया केन्द्रित शिक्षण विधियों के प्रयोग द्वारा शिक्षक परिवर्तन हेतु भूमिका तैयार करते हैं।
(16) शिक्षक अपनी कर्त्तव्यनिष्ठा तथा ईमानदारी के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावात्मक वातावरण सृजित करते हैं जिससे परिवर्तन को गति प्राप्त होती है ।
(17) शिक्षक लोकतंत्रीय आस्थाओं में आस्था रखने के कारण परिवर्तन का अग्रदूत बनते हैं। 4
(18) शिक्षकों द्वारा पक्षपातरहित, त्याग, प्रेम, सहिष्णुता तथा परोपकार के नवीन प्रतिमानों की स्थापना द्वारा परिवर्तन में भूमिका निभाई जाती है ।
(19) शिक्षक अपने चरित्र, आदर्श और जीवन मूल्यों के द्वारा शिक्षार्थियों में परिवर्तन की नींव रखता है ।
(20) शिक्षक राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय विषयों का ज्ञाता तथा सामाजिक सरोकारों में रुचि लेकर परिवर्तन की गति को बढ़ाता है।
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