पाठ्य सामग्री (विषयवस्तु) ज्ञान के प्रमुख घटक लिखिए।
पाठ्य सामग्री (विषयवस्तु) ज्ञान के प्रमुख घटक लिखिए।
उत्तर–पाठ्य सामग्री (विषयवस्तु) ज्ञान के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं
(1) गहन पाठ्य सामग्री/पाठ्यक्रम विषय सामग्री का ज्ञानगहन ज्ञान शब्द का पहली बार प्रयोग लिपिंग ने किया था। उन्होंने इसे ‘मौलिक गणित की गहन समझ’ तथा गणित की व्यापक, गहन एवं पूरी तरह समझ के रूप में वर्णित किया जो लोग गहन अध्ययन/ज्ञान को समझते हैं । उनका प्राथमिक उद्देश्य अध्यापन प्रथाओं, तर्कों, निर्णयन क्षमता, पाठ योजना इत्यादि को लेकर गहन चिन्तन करते हैं तथा छात्रों की आवश्यकतानुसार परिवर्तन करते हैं। इसके लिए शिक्षक छात्रों से विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछते हैं, छात्रों की व्याख्याएँ, प्रतिक्रियाएँ एवं छात्रों के आकलन की समझ इत्यादि को विशेष रूप से ध्यान देते हैं। किसी विचार की गहन समझ में अनेक अवधारणात्मक एवं शक्तिशाली विचार सम्मिलित रहते हैं। किसी विषय/विचार की गहन समक्ष में तीन तत्त्व मुख्य आधार प्रदान करते हैं—(i) सही विचारों की स्थापना । (ii) विभिन्न विचारों को आपस में जोड़ना । (iii) विचारों को अर्थ प्रदान करना ।
( 2 ) उन्नत पाठ्य सामग्री/पाठ्यक्रम विषय सामग्री का ज्ञान– उन्नत पाठ्य अन्तर्वस्तु/पाठ्यक्रम विषय सामग्री ज्ञान के अन्तर्गत यह धारणा प्रचलित है कि किसी भी विषय के ज्ञान को शिक्षक द्वारा के विस्तारपूर्वक छात्रों को प्रदान किया जाना चाहिए न कि केवल पाठ्यक्रम को समाप्त करने के उद्देश्य से। गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में तो यह बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन विषयों में मौलिक विचारों को समझने के साथ ही प्रत्येक तथ्य एवं अवधारणा पर बारीकी से ध्यान दिया जाना चाहिए।
गणित एवं विज्ञान जैसे विषय ही उन्नत पाठ्यक्रम विषय सामग्री के केन्द्र में होते हैं परन्तु अब कई विद्वान एवं शिक्षाविद् इसमें कुछ नए एवं आधुनिक विषयों को भी जोड़ना चाहते हैं जिससे इस पाठ्यक्रम की उपयोगिता को बढ़ाया जा सके।
( 3 ) छात्र-स्तर पाठ्य सामग्री/पाठ्यक्रम विषय सामग्री का ज्ञान-छात्र-स्तर की पाठ्यक्रम विषय सामग्री का ज्ञान एक शिक्षक की विषय-वस्तु के प्रति अपनी समझ तथा उसकी व्याख्या करने की योग्यता है। प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक पिछले 20 वर्षों से राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर अध्ययन सामग्री की प्रकृति एवं क्षेत्र में व्यापक रूप से परिवर्तन हुआ है। ये परिवर्तन विशेष रूप से मानक मापदण्डों में दिखता है। शिक्षण सामग्री के उत्पादकों ने राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर अध्ययन सामग्री में नए विषय, नए मुद्दे एवं अन्य आवश्यक अवधारणाओं एवं तथ्यों को जोड़कर बदलाव किए हैं। इस एकाएक परिवर्तन से एक निश्चित स्तर पर अध्यापन करने वाले शिक्षक भी अपने को असहज महसूस कर रहे हैं। इसके लिए शिक्षक तर्क दे रहे हैं कि जो विषय सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है वह शिक्षक केन्द्रित अधिक है तथा छात्रों को इनकी अवधारणा एवं अन्य तथ्यों को समझने के लिए शिक्षक की योग्यता अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती है तथा छात्र स्वयं इससे उचित प्रकार से ज्ञान नहीं प्राप्त कर पाते हैं।
शिक्षक ज्ञान एवं साहित्य को अक्सर एक ग्रेड स्तर की सामग्री के रूप में स्वीकार करता है जो शिक्षक तथा छात्र दोनों के लिए उपयोग एवं लाभदायक हो।
उपर्युक्त तथ्यों के विश्लेषण से स्पष्ट है कि पाठ्य अन्तर्वस्तु / पाठ्यक्रम सामग्री का ज्ञान शिक्षक तथा छात्रों दोनों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है तथा अध्ययन की सुविधा के लिए इसे विभिन्न घटकों में विभाजित किया गया है, परन्तु वास्तव में ज्ञान को गहनता एवं व्यापक रूप से समझने के लिए इसे सम्मिलित रूप से जानना आवश्यक है।
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