पादप में जल और खनिज लवण का वहन कैसे होता है ?
पादप में जल और खनिज लवण का वहन कैसे होता है ?
अथवा, पादप में भोजन का स्थानांतरण कैसे होता है ?
उत्तर ⇒ पादप शरीर के निर्माण के लिए आवश्यक जल और खनिज लवणा को अपने निकट विद्यमान मिट्टी से प्राप्त करते हैं
(i) जल – हर प्राणी के लिए जल जीवन का आधार है। पौधों में जल जाइलम ऊतकों के द्वारा अन्य भागों में जाता है। जड़ों में धागे जैसी बारीक रचनाओं की बहुत बड़ी संख्या होती है। इन्हें मलरोम कहते हैं। ये मिटटी में उपस्थित पानी से साध संबंधित होते हैं । मलरोग में जीव द्रव्य की सांद्रता मिटटी में जल के घोल की अपक्षा आधक होती है । परासरण के कारण पानी मलरोमों में चला जाता है पर इसस मूलराम के जीव द्रव्य की सांद्रता में कमी आ जाती है और वह अगली कोशिका म चला जाता है। यह क्रम निरंतर चलता रहता है जिस कारण पानी जाइलम वाहिकाओं में पहुँच जाता है। कुछ पौधों में पानी 10 सेमी. से 10) सेमी प्रति मिनट की गति से ऊपर चढ़ जाता है ।
(ii) खनिज – पेड़-पौधों को खनिजों की प्राप्ति अजैविक रूप में करनी होती है। नाइट्रेट, फॉस्फेट आदि पानी में घुल जाते हैं और जड़ों के माध्यम से पौधों में प्रविष्ट हो जाते हैं। वे पानी के माध्यम से सीधा जड़ों से संपर्क में रहते हैं। पानी । और खनिज मिलकर जाइलम ऊतक में पहुँच जाते हैं और वहाँ से शेष भागों में चले जाते हैं। जल तथा अन्य खनिज-लवण जाइलम के दो प्रकार के अवयवों वाहिनिकाओं एवं वाहिकाओं से जड़ों से पत्तियों तक पहुंचाए जाते हैं। ये दोनों मृत तथा स्थूल कोशिका भित्ति से युक्त होती हैं । वाहिनिकाएँ लंबी, पतली, तुर्क सम कोशिकाएँ हैं जिनमें गर्त होते हैं। जल इन्हीं में से होकर एक वाहिनिका से दुसरी वाहिनिका में जाता है। पादपों के लिए वांछित खनिज, नाइट्रेट तथा फॉस्फेट अकार्बनिक लवणों के रूप में मूलरोम द्वारा घुलित अवस्था में अवशोषित कर जड़ में पहुंचाए जाते हैं। यही जड़ें जाइलम ऊतकों से उन्हें पत्तियों तक पहुँचाते हैं।