पारिस्थितिक तंत्र का अर्थ एवं परिभाषा की व्याख्या कीजिये ।

पारिस्थितिक तंत्र का अर्थ एवं परिभाषा की व्याख्या कीजिये । 

                                               अथवा
पारिस्थितिकी तंत्र क्या है ?
उत्तर—  पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) – सर्वप्रथम इस शब्द का प्रयोग ए. जी. टेन्सले ने 1935 में किया। उन्होंने इसे परिभाषित कर हुए लिखा—
पारिस्थितिकी तंत्र वह तंत्र है जिसमें पर्यावरण के जैविक एवं अजैविक कारक अन्तर्सम्बन्धित होते हैं।” इनसे पहले बहुत से विद्वानों ने इसे विभिन्न नामों से पुकारा। परन्तु पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) ही सर्वमान्य हुआ। यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है। इको (eco) जिसका अर्थ है पर्यावरण जो ग्रीक शब्द Oikas का पर्याय है तथा दूसरा शब्द सिस्टम (system) जिसका अर्थ है व्यवस्था ।
परिभाषाएँ – विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाएँ निम्न हैं—
(i) स्ट्रेहर के मतानुसार –”पारिस्थितिकी तंत्र उन समस्त घटकों का समूह है जो जीवों के एक समूह की क्रिया-प्रतिक्रिया में योग देते
(ii) मॉकहॉउस और स्माल के मतानुसार – “पादप और जीव जन्तुओं का प्राकृतिक पर्यावरण या आवास के दृष्टिकोण से अध्ययन करना ही पारिस्थितिक तंत्र है । “
(iii) एनसाइक्लोपीडिया ऑफ ब्रिटानिका के अनुसार’ – पारिस्थितिकी तंत्र एक क्षेत्र विशेष की वह इकाई है जिसमें पर्यावरण से प्रतिक्रिया करते हुए समस्त जीवन सम्मिलित होते हैं। इसमें ऊर्जा प्रवाह के माध्यम से पोषण उपलब्ध होता है, फलस्वरूप जैव विविधता एवं विभिन्न भौतिक चक्रों का प्रादुर्भाव होता है। यह सभी क्रम एक नियन्त्रित स्वरूप में कार्यरत रहता है। “
इससे स्पष्ट हो जाता है कि पारिस्थितिक तंत्र एक क्षेत्र विशेष में विकसित इकाई है जिसमें विभिन्न जीव-जन्तु एवं पादप सम्मिलित होते हैं। इसे हम सरलतम भाषा में प्रकृति भी कह सकते हैं क्योंकि प्रकृति में मुख्यतया जीवों एवं अजैविक वातावरण का योग होता है।
पारिस्थितिकी तंत्र एक जटिल संकल्पनात्मक इकाई है जो सजीव प्राणियों तथा उनके वातावरण से बनती है। इसमें समुदाय आपस में तथा अपने भौतिक वातावरण से ऊर्जा, द्रव्य इत्यादि का आदान-प्रदान करते. रहते हैं। इस आदान-प्रदान के अभाव में पृथ्वी पर सजीव प्राणियों तथा वनस्पति का जीवन असम्भव है। अतः सजीव प्राणियों को जीवित रहने के लिए अपने आस-पास के भौतिक वातावरण तथा रासायनिक पदार्थों से अन्त:क्रियाएँ करनी पड़ती है। नदी, तालाब, जंगल, गांव, शहर इत्यादि सभी पारिस्थितिकी तंत्र के उदाहरण हैं।
पारिस्थितिकी तंत्र में जीव-जन्तु अपने आस-पास के पदार्थों को ग्रहण करके अपने शरीर में वृद्धि करते हैं और कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करते हैं। ये कार्बनिक पदार्थ पुनः खण्डित होकर अकार्बनिक पदार्थों में बदल जाते हैं। इस प्रकार प्रकृति में विभिन्न प्रकार के पदार्थों का चक्रीकरण चलता रहता है।
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