पारिस्थितिक तंत्र की संरचना का वर्णन कीजिए ।

पारिस्थितिक तंत्र की संरचना का वर्णन कीजिए । 

                               अथवा
जैविक एवं अजैविक घटक क्या है ?
                               अथवा
पारिस्थितिक तंत्र के अवयवों को संक्षिप्त में लिखिये ।
उत्तर—पारिस्थितिक तंत्र की संरचना (Structure of Ecosystem)—पारितंत्र दो घटकों से मिलकर बना होता है जो निम्न है—
(1) अजैविक घटक (Abiotic Component) – इसके अन्तर्गत दो प्रकार के कारक आते हैं—
(i) भौतिक कारक (Physical Factors)—इसे दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है—
(अ) जलवायुवीय कारक (Climatic Factors)–सूर्य का प्रकाश, वायु, मृदा, तापक्रम, वर्षा, आर्द्रता इत्यादि इस वर्ग में आते हैं जो किसी भी स्थान के वातावरण को प्रभावित एवं निर्धारित करते हैं।
(ब) भौतिक सतही कारक (Topographic Factors) — इन कारकों में कुछ प्रमुख कारक निम्न प्रकार हैं—
-भौतिक सतही पक्ष (Physical Aspect)
-झुकाव की दिशा (Angle of Slope)
– अक्षांश (Altiude)
-पहाड़ (Mountain)
(ii) रासायनिक कारक (Chemical Factors) – इसे दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है
(अ) अकार्बनिक पदार्थ (Inorganic Substances) – जल, गैसें एवं तत्त्व अकार्बनिक पदार्थ कहलाते हैं। तत्त्वों में महापोषी तत्त्वं जैसे—कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, फॉस्फोरस, नाइट्रोजन, कैल्शियम एवं लोहा इत्यादि आते हैं। सूक्ष्ममात्रिक/लेशपोषी तत्त्वों में जिंक, मैंगनीज, कॉपर, बोरॉन, कोबाल्ट, जस्ता एवं एल्यूमिनियम आदि प्रमुख हैं।
(ब) कार्बनिक पदार्थ (Organic Substances) –कार्बनिक पदार्थ, जैविक तथा अजैविक घटकों में सम्बन्ध स्थापित करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्बनिक पदार्थों में कुछ प्रमुख पदार्थ हैं— प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट एवं लिपिड्स आदि ।
(2) जैविक घटक (Biotic Component) – किसी भी पारितन्त्र की पोषी रचना के विषय में जानकारी जैविक घटकों से प्राप्त होती है, क्योंकि पोषण की प्रकृति तथा ऊर्जा के स्रोत पर आधारित होती है ।
पोषण के आधार पर जैविक घटकों को दो भागों में विभाजित किया जाता है जो कि निम्नलिखित हैं—
(i) स्वपोषित घटक (Autotrophic Components)– हरे पौधे, प्रकाश संश्लेषी जीवाणु तथा रसायन, हरे पौधों अथवा क्लोरोफिल युक्त पौधों में वह क्षमता है, जिससे कि यह सौर ऊर्जा का उपयोग कर वायुमण्डल से कार्बन डाइ ऑक्साइड तथा मृदा से पानी एवं खनिज लवण लेकर शर्करा का निर्माण करते हैं। इस प्रक्रिया में जल तथा ऑक्सीजन गैस का भी निर्माण होता है। पारितन्त्र में उपस्थित ये स्वपोषित घटक प्राथमिक उत्पादक कहलाते हैं।
(ii) परपोषित घटक (Heteotrophic Components) — ये घटक स्वपोषित घटकों द्वारा निर्मित जटिल पदार्थों (Complex substances) का उपयोग, पुनर्व्यवस्था (Re-organisation) एवं अपघटन (Decomposition) करते हैं।

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