प्रायोजना के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए।

प्रायोजना के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर–प्रायोजना के प्रकार (Types of Project)– शिक्षण के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की प्रायोजनाएँ बनाकर बालकों को सक्रिय रूप से ज्ञान प्रदान किया जा सकता है। ये प्रायोजनाएँ निम्नवत् हो सकती हैं—

(1) निर्माण सम्बन्धी प्रायोजन| जैसे विद्यालय में बागवानी, संग्रहालय अमूल्य विधियों का संग्रह, यन्त्र निर्माण, प्रतिरूप (मॉडल) निर्माण सौन्दर्यीकरण आदि निर्माण से सम्बन्धित योजनाएँ आदि।
(2)  निरीक्षण सम्बन्धी प्रायोजना – इसमें पर्यटन, निरीक्षण, भ्रमण, देशाटन आदि के माध्यम से विभिन्न जगहों पर भिन्न-भिन्न प्रकार के जीवन-जन्तु, कीट-पतंगे, जलवायु वनस्पति, पुष्पों आदि की विशिष्ट विशेषताओं के निरीक्षण के लिए प्रायोजनाएँ बनाई जा सकती हैं।
( 3 ) शल्य कार्य सम्बन्धी प्रायोजना — इसमें वनस्पतियों की जड़, तना, फूल, फल आदि को काटकर उनके आन्तरिक अंगों के अध्ययन किये जाते हैं ।
(4) समस्यात्मक प्रायोजना—इसमें वैसे कार्यों का चयन किया जाता है जिसमें अपेक्षित सुधार की आवश्यकता महसूस की जाती है; जैसे— बालकों की उपस्थिति में वृद्धि, ज्ञान कौशल विकास में वृद्धि, खान-पान की शुद्धता में वृद्धि, स्वास्थ्य में सुधार आदि ।
(5) उपभोक्ता प्रायोजना – इसमें कृषि, बागवानी, उत्पादन सम्बन्धी कार्य, सजावंट के उपकरण, खिलौने, काष्ठ उद्योग के कार्य, मोमबत्ती उद्योग के कार्य आदि के माध्यम से कार्यों को बढ़ावा दिया जाता है।
(6) संग्रह सम्बन्धी प्रायोजना – इसमें विभिन्न जगहों से वनस्पतियों का संग्रह, डाक टिकटों का संग्रह, सामुदायिक कार्यों का संग्रह, पशु-पक्षियों के चित्रों के संग्रह, प्राचीन सिक्कों का संग्रह आदि सम्बन्धी कार्य किये जाते हैं।
(7) पहचान सम्बन्धी प्रायोजना — इसमें फल, फूल, जड़, जीव- जन्तु के वर्ग एवं श्रेणी सम्बन्धी कार्य किये जाते हैं।
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