भारतमहिमा का वर्णन पठित पाठ के आधार पर करें। अथवा, ‘भारत पहिमा’ पाठ का सारांश प्रस्तुत करें।

भारतमहिमा का वर्णन पठित पाठ के आधार पर करें। अथवा, ‘भारत पहिमा’ पाठ का सारांश प्रस्तुत करें।

उत्तर – भारत का प्राकृतिक सौन्दर्य स्वर्ग-सा है। यह देवताओं, ऋषियों एवं महापुरुषों की अवतरण भूमि है। इसकी महिमा का वर्णन विष्णुपुराण एवं भागवतपुराण में देखने को मिलता है। भारतभूमि पर अवतरित होनेवाला मनुष्य निश्चय ही धन्य है। हमारी भारत भूमि विशाल, रम्यरूपा और कल्याणप्रद है। अत्यन्त शोभनीय और संसार का गौरव भारत हम सबों के द्वारा सदैव पूजनीय है । यहाँ धर्म, जाति के भेदों को भूलकर एकता एवं सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया जाता है। हम भारतीय सदैव कहते हैं-वसुधैव कुटुम्बकम् अर्थात् सम्पूर्ण पृथ्वी ही हमारा परिवार है।

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