भारतीय समाज की प्रकृति या विशेषताएँ बताइये ।
भारतीय समाज की प्रकृति या विशेषताएँ बताइये ।
उत्तर- भारतीय समाज की प्रकृति या विशेषताएँ निम्नलिखित है—
(1) अमूर्त समाज – जिस तरह जीवन कोई चीज नहीं बल्कि जैविक प्रक्रिया है उसी तरह समाज एक चीज नहीं बल्कि संगति या मेल की एक प्रक्रिया है।
(2) समरूप और भिन्न समाज–समाज का हर सदस्य एकसा नहीं होता, वे बहुत से आधारों पर भिन्न होते हैं। एक की समझ उसके दूसरे के साथ सम्बन्ध की व्यापकता पर निर्भर करती है। यही कारण है कि समाज के सदस्यों में सहमति और असहमति दोनों रहती हैं ।
( 3 ) अंतःनिर्भर समाज–समाज का प्रत्येक सदस्य दूसरे पर निर्भर रहता है अतः व्यक्तियों के बीच अंतःनिर्भरता रहती है।
( 4 ) सापेक्ष आर्थिक आत्मनिर्भरता—एक समाज का प्रत्येक समूह अन्य समूहों पर निर्भर रहता है, लेकिन यह निर्भरता केवल कुछ अवस्थाओं तक रहती है। समाज अपने प्रति घंटे और प्रतिदिन की आर्थिक दिनचर्या में सापेक्ष रूप से आत्मनिर्भर रहता है।
(5) सहयोग और संघर्ष दोनों को सम्मिलित करने वाला समाज–सहयोग के बिना समाज संभव नहीं है । संघर्ष सहयोग के विपरीत है। हित बेमेल और अनन्य होने से संघर्ष पैदा होता है । इस प्रकार समाज सहयोग और संघर्ष दोनों का सम्मिलित रूप है।
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