भारत में चीनी उद्योग के विकास और कारणों पर प्रकाश डाले।
भारत में चीनी उद्योग के विकास और कारणों पर प्रकाश डाले।
उत्तर –चीनी उद्योग कृषि पर आधारित उद्योग है। इसका कच्चा माल गन्ना है। अतः अधिकतर चीनी मिलें गन्ना उत्पादक राज्यों में मुख्य रूप से स्थापित की गयी है। उत्तर भारत में उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा राज्यों में चीनी की मिलें स्थापित की गयी हैं उत्तरप्रदेश में चीनी की लगभग 100 मिले हैं। यहाँ इसके लिए निम्नांकित सुविधा उपलब्ध हैं।
(i) गन्ने की अच्छी खेती,
(ii) परिवहन की अच्छी व्यवस्था, ‘
(iii) सस्ते श्रमिक और घरेलू बाजार।
1960 तक यह देश का प्रथम उत्पादक राज्य था। परंतु अब उत्पादन घट कर एक-चौथाई पर आ गया है।
बिहार राज्य में चीनी की बीसों मिलें स्थापित है, परंतु उत्पादन कम है। उत्तर भारत में पंजाब और हरियाणा राज्य में भी एक दर्जन से अधिक चीनी की मिलें स्थापित हैं।
दक्षिण भारत में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में चीनी की मिलें स्थापित हैं। महाराष्ट्र में चीनी मिलों के लिए निम्नांकित सुविधाएँ प्राप्त हैं—
(i) गन्ने की प्रति हेक्टेयर ऊपज अधिक, रस का अधिक मीठा होना और रस अधिक निकलना।
(ii) उपयुक्त जलवायु
(iii) यहाँ चीनी की मिलें स्वयं गन्ने की खेती करती हैं।
(iv) समुद्री तट के कारण निर्यात की सुविधा।
चीनी उत्पादन में आज महाराष्ट्र देश में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है।