मनोविश्लेषण विधि के बारे में बताइये ।
मनोविश्लेषण विधि के बारे में बताइये ।
उत्तर— मनोविश्लेषण विधि (Phycho – Analytic Method)– फ्रॉयड महोदय ने इस विधि को जन्म दिया था। फ्रॉयड महोदय ने बताया कि मानव का व्यवहार उसके शारीरिक एवं मानसिक आवश्यकताओं एवं भौतिक जगत में उपस्थित विभिन्न उद्दीपकों द्वारा प्रभावित होता है। चूँकि व्यक्ति का व्यवहार चेतन एवं अचेतन मन दोनों के द्वारा संचालित एवं प्रभावित होता है । अतः उसके व्यवहार चेतन मन की जानकारी हमें मनोविश्लेषण विधि के द्वारा होती हैं। इस विधि के माध्यम से हम दबी हुई आंतरिक मनःस्थिति एवं इच्छाओं और भावनाओं का विश्लेषण कर उसका उपचार करते हैं ।
गुण (Merits) -इस विधि के निम्न गुण हैं—
(1) इस विधि के द्वारा व्यक्ति के चेतन मन एवं अचेतन मन दोनों की जानकारी प्राप्त होती है।
(2) इस विधि में मानव अपनी बातों को छिपा नहीं पाता है। अतः मानव की आन्तरिक स्थिति का वास्तविक ज्ञान होता
(3) इस विधि द्वारा विषयी के मानसिक विकारों का उत्तम उपचार किया जाता है।
दोष (Demerits)– इस विधि के निम्न दोष हैं—
(1) इस विधि में धन एवं समय की बर्बादी होती है।
(2) इस विधि का प्रयोग श्रेष्ठ एवं दक्ष मनोविश्लेषक ही कर सकते हैं।
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