माध्यमिक शिक्षा आयोग के अनुसार पाठ्यक्रम के क्षेत्र में सुझाव दीजिये ।

माध्यमिक शिक्षा आयोग के अनुसार पाठ्यक्रम के क्षेत्र में सुझाव दीजिये ।

अथवा
पाठ्यक्रम के सम्बन्ध में अपने सुधारात्मक सुझाव दीजिये।
उत्तर- माध्यमिक शिक्षा आयोग ने पाठ्यक्रम के क्षेत्र में निम्नलिखित सुझाव प्रस्तुत किये हैं—
 ( 1 ) प्रयोगात्मक विद्यालय – विद्यालयों को अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम निर्माण व उसका प्रयोग करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। प्रयोगात्मक विद्यालय द्वारा प्रशिक्षित विद्यालयों और विश्वविद्यालयों को उनका नेतृत्त्व कराना चाहिए।
(2) विकसित पाठ्यक्रम—प्रांतीय स्कूल शिक्षा बोर्ड को सुझाव दिए हैं कि वे सभी विषयों के लिए विकसित पाठ्यक्रम की रचना करें तथा उन्हें क्रमबद्धता से ऐसे विद्यालयों में लागू करें जहाँ शिक्षकों की अच्छी स्थिति तथा अन्य सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो ।
( 3 ) पाठ्यक्रम विकास में शोध कार्य पाठ्यक्रम सम्बन्धी शोध विश्वविद्यालय के शिक्षा विभागों, प्रशिक्षण विद्यालयों, राजकीय शिक्षा संस्थानों तथा स्कूल शिक्षा बोर्डों द्वारा किया जाना चाहिए तथा उसी पर आधारित विद्यालय पाठ्यक्रम तथा पाठ्यपुस्तकों की रचना होनी चाहिए।
(4) सामान्य पाठ्यक्रम —   जो  अल्पव्यावसायिक विद्यालय ही इनमें 10 वर्ष के लिए सामान्य पाठ्यक्रम की व्यवस्था होनी चाहिए। उसके बाद पाठ्यक्रम में विभिन्नीकरण लाया जाये।
( 5 ) सफलता का स्तर — प्रत्येक उपअवस्था के अन्त में सफलता के स्तर को स्पष्ट रूप से निश्चित करना चाहिए |
(6) सेवाकालीन शिक्षा — नये पाठ्यक्रम के अनुसार सेवा कालीन शिक्षा द्वारा अध्यापकों का नवीनीकरण करना चाहिए ।
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