मुद्रा के विभिन्न दोषों का वर्णन करें।
मुद्रा के विभिन्न दोषों का वर्णन करें।
उत्तर- मुद्रा के निम्न दोष हैं
(i) मुद्रा के मूल में अस्थिरता- मुद्रा का मूल्य स्थिर नहीं रहता, परिवर्तन होता रहता है। इस परिवर्तन के कारण ही मुद्रास्फीति और मुद्रा संकुचन की स्थिति उत्पन्न होती है।
(ii) इससे मुद्रा उधार लेने की आदत को प्रोत्साहन मिलता है। यह फिजूलखर्ची को भी बढ़ावा देता है।
(ii) इससे संपत्ति वितरण में भी असमानताएँ उत्पन्न होती हैं। धनी वर्ग को अधिक धन मिलता जाता है और निर्धन वर्ग की निर्धनता बढ़ती जाती है।
(iv) वर्ग संघर्ष का उदय- मुद्रा की शक्ति के बल पर समाज के कुछ लोग अधिक धनी होते चले जाते हैं और अन्य लोगों को आर्थिक गरीबी का सामना करना पडता है। इसके परिणामस्वरूप वर्ग संघर्ष उत्पन्न हो जाता है। इसलिए कहा जाता है कि “मुद्रा एक अच्छा सेवक किन्तु बरी स्वामिनी है।”